मनरेगा कार्यों में बड़े पैमाने पर धांधली, डीएम ने ग्राम प्रधान,एपीओ और सचिव सहित चार को भेजा नोटिस

उत्तर प्रदेश महाराजगंज

ग्राम प्रधान को 15 और सचिव, एपीओ तथा रोजगार सेवक को एक सप्ताह के अंदर साक्ष्यों के साथ सटीक जवाब उपबल्ध कराने का निर्देश

सार

निचलौल ब्लॉक क्षेत्र के पैकौली गांव में मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यों में सरकारी धन का बंदरबांट कर जमकर धांधली की गई है। यह खुलासा उच्चाधिकारियों की ओर से गठित टीम के जांच के बाद हुआ। उसके बाद काले करतूत को अंजाम देने वालों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो

निचलौल /महराजगंज ! निचलौल ब्लॉक क्षेत्र के पैकौली गांव में मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यों में सरकारी धन का बंदरबांट कर जमकर धांधली की गई है। यह खुलासा उच्चाधिकारियों की ओर से गठित टीम के जांच के बाद हुआ। उसके बाद काले करतूत को अंजाम देने वाले जिम्मेदारों में हड़कंप मच गया। वहीं इस मामले में डीएम ने ग्राम प्रधान और जिला पंचायत राज अधिकारी ने तत्कालीन सचिव तथा उपायुक्त (श्रम रोजगार) ने एपीओ, रोजगार सेवक को कारण बताओ नोटिस भेजकर साक्ष्यों के साथ सटीक जवाब को तय तिथि के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वहीं जवाब देने में लापरवाही बरतने पर जिम्मेदारों को कारवाई के लिए सख्त नसीहत भी दी है।

डीएम ने 26 अक्टूबर को पैकौली ग्राम प्रधान विजय प्रताप को जारी नोटिस में कहा है की सिसवा विधायक प्रेमसागर पटेल की ओर से शिकायत मिला था, की ग्राम पंचायत पैकौली एवं पकडी भारत खण्ड में ग्राम रोजगार सेवक सत्य नरायन प्रजापति और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) रविंद्र बहादुर सिंह ने मिलीभगत कर शासकीय नियम की धज्जियां उड़ाकर गरीबों के हक पर डाका डाला है।

पैकौली गांव का पैसा पकड़ी भारत खण्ड में भेजकर बंदरबांट किया गया है। वहीं मामले की जांच के लिए 11 सितम्बर 2024 को जिला पंचायत राज अधिकारी एवं अवर अभियंता पीडव्ल्यूडी को गठन किया गया। जांच टीम ने 15 अक्टूबर को जांच आख्या प्रस्तुत की। जांच टीम ने बताया है की ग्रामवासियों की ओर से बताया गया कि ग्राम पंचायत पैकौली कला में 423 मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं। लेकिन मजदूरों की मांग पर वर्ष 2023-24 में उन्हे रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया। इतना ही नहीं गांव पैकौली कला में बृजेश मिश्रा के खेत से बुढवा सिवान तक करीब 805 मीटर लंबा चक बंध कार्य 110 लेबरों का भुगतान मस्टररोल के अनुसार किया गया है।

जबकि ग्रामवासियों ने बताया कि 40 या 50 मजदूरों की ओर से कार्य किया गया है। इस कार्य में पैकौली कला से कोई मजदूर नहीं लगाया गया। सभी मजदूर पकड़ी भारत खण्ड के ही लगाये गये थे।

रोजगार सेवक सत्य नरायन प्रजापति भी मूलरूप में गांव पकड़ी भारत खण्ड के रोजागर सेवक हैं। हालांकि पैकौली कला के कार्यों का भी इन्ही के ओर से कराया जाता है। जांच टीम ने आख्या में आगे बताया है की 28 फरवरी 2024 को ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव व रोजगार सेवक ने खण्ड विकास अधिकारी को पत्र देकर बताया था, कि पैकौली कला में मनरेगा के मजदूर कार्य करनेके लिए नहीं मिल रहे हैं।

इस मामले में पत्र के आधार पर खण्ड विकास अधिकारी की ओर से एपीओ मनरेगा को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। लेकिन एपीओ मनरेगा ने अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतते हुए कारवाई करने से पल्ला झाड़ते हुए नरेगा, लेखाकार और कम्प्यूटर आपरेटर को निर्देश दे दी। इतना ही नहीं दूसरे गांव के मजदूरों से कार्य कराने के मामले में भी कोई कारवाई नही की गई। जांच के दौरान पैकौली कला के 21 जाब कार्ड धारक के मजदूरों ने लिखित बयान देकर कहा है की वह लोग मार्च 2024 में रोजगार सेवक और ग्राम प्रधान से कार्य की मांग की थी। जिस दौरान जिम्मेदारों ने गांव में कोई रोजगार न होने का हवाला देकर गांव से करीब आठ किलोमीटर दूर गांव पकड़ी भारत खण्ड के मजदूर लगाकर फर्जी तरीके से भुगतान करा लिया गया है। वही रितेश पाण्डेय ने 11 अक्टूबर को शपथ पत्र देकर बताया है की पैकौली कला गांव से सटे गांव बड़हरा चरगहा, गुरली, रमगढवा, विसोखोर, बढया भोतियाही, कटहरी खुर्द से मजदूर नहीं लगाये गये। जबकि आठ किलोमीटर दूर के मजदूर लगाकर 110 मजदूरों का भुगतान फर्जी तरीके भुगतान करा लिया गया। ऐसे में गांव पैकौली के ग्राम प्रधान विजय प्रताप को कारण बताओ नोटिस देकर 15 दिनों के अंदर साक्ष्यों के साथ सटीक जवाब जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जवाब देने में लापरवाही पर प्रशासनिक अधिकार सीज करते हुए तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दी जायेगी।

उक्त मामले में ही जांच टीम के रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी दीप्ती जायसवाल को कारण बताओ नोटिस देकर एक सप्ताह के भीतर साक्ष्यों और सटीक जवाब के साथ सहायक पंचायत अधिकारी पंचायत के माध्यम से प्रस्तुत करने को निर्देश दिया है। जबकि उपयुक्त (श्रम रोजगार) ने 21 अक्टूबर को अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) रविंद्र बहादुर सिंह और रोजगार सेवक सत्य नरायण प्रजापति को कारण बताओ नोटिस देकर एक सप्ताह के भीतर साक्ष्यों के साथ सटीक जवाब मुख्य विकास अधिकारी को उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया है।

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