भारत में 5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?

उत्तर प्रदेश महाराजगंज

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज! शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं, जो बच्चों को ज्ञानवान और जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करते हैं। वे अपने अथक प्रयासों से छात्रों के जीवन को आकार देते हैं और उन्हें सफलता की ओर प्रेरित करते हैं। 5 सितंबर शिक्षक दिवस का दिन, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करने और शिक्षकों के योगदान को याद करने का दिन है।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुतनी में हुआ था। एक प्रख्यात दार्शनिक, लेखक, शिक्षक और राजनेता, राधाकृष्णन ने भारत के बौद्धिक और शैक्षिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित किया। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न, से सम्मानित किया गया था।

मेरे जन्मदिन की जगह शिक्षक दिवस मनाओ

सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन जब भारत के राष्ट्रपति बने, तो उनके कुछ पूर्व छात्रों ने उनके जन्मदिन को मनाने के लिए उनसे संपर्क किया। इस पर उन्होंने कहा, ‘मेरे जन्मदिन को मनाने के बजाय, यह मेरा सौभाग्य होगा यदि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।’ तब से, भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

स्कूल और कॉलेज में होते हैं कई कार्यक्रम

यह दिन छात्रों को अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। छात्र अपने शिक्षकों को कार्ड, फूल और उपहार देकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

शिक्षकों को धन्यवाद देने का दिन

शिक्षक दिवस सिर्फ शिक्षकों का सम्मान करने का दिन नहीं है, बल्कि यह उनके योगदान को याद करने और उन्हें धन्यवाद देने का भी दिन है। हमें अपने शिक्षकों के प्रति हमेशा आभारी रहना चाहिए।

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