पीढ़ियां गुजर गईं पर महाव नाले की समस्या जश की तश
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज: नेपाल के पहाड़ी इलाकों समेत महराजगंज में लगातार मूसलाधार बारिश से जनपद की सभी नदियां उफान पर है। ऐसे में नेपाल से निकलने वाले महाव नाले का जलस्तर बीती रात को अबतक के सबसे ऊपरी सतह 12 फीट तक पहुंच चुका था। जिससे बंधे से सटे दर्जनों गांवों के ग्रामीण दहशत के मारे रात भर जागते रहे।
प्राप्त समाचार के अनुसार सुबह होते-होते राहत भरी खबर मिली कि जल स्तर घट रहा है लेकिन अब भी लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। यदि नेपाल में एक दो दिन लगातार वर्षा हुई तो महाव नाले में बाढ़ विकराल रूप ले सकता है।
हालांकि खबर मिलते ही जनपद के जिलाधिकारी अनुनय झा, पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना,एडीएम डॉ पंकज वर्मा और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजीव कपिल मौके पर पहुंचे है।
बाढ़ के कारण महाव नाले में बह कर आया एक विशालकाय पेड़ पुल पर ही फंस गया था। जिससे पानी के बहाव में दिक्कत आ रही थी। मौके पर पहुंचे अधीक्षण अभियंता आमोद कुमार सिंह ने किसी तरह जेसीबी से पेंड़ को हटवाया तब जाकर पानी के बहाव का रास्ता मिला।लगातार बारिश के कारण फिलहाल नदियों का जलस्तर अब भी दहशत पैदा करने वाला है मौके पर जिला प्रशासन अधिकारी नजर बनाए हुए हैं।
बता दें कि नेपाल से निकले महाव नाले की समस्या आज भी जश की तश है। पीढ़ियां गुजर गईं पर महाव नाले में हर साल आने वाले बाढ़ की समस्या का समाधान नहीं निकला। आजादी के बाद से आज तक इस नाले की साफ-सफाई और बंधे के निर्माण पर हर साल करोड़ों रूपए खर्च होते रहे हैं पर यहां के दर्जन भर गांवों के किसानों को हमेशा ही नुकसान उठाना पड़ा है। उनकी धान की फसल हर साल डूब जाती है और उनका करोड़ों का नुकसान होता है। किसानों की पूरी फसल बाढ़ में आई सिल्ट से पट जाती है। विकास की गंगा बहाने वाले जनप्रतिनिधि और जिले के अधिकारी बार-बार यह दावा भी करते रहे हैं की इस साल यहां के किसानों को बाढ़ से निजात मिलेगी पर किसानों के हाथ कुछ नहीं लगता है। किसानों की गाढ़ी कमाई इसी बाढ़ में डूब जाती है और हर साल किसान रोने के लिए मजबूर हो जाता है।
