चौकी इंचार्ज आलोक सिंह, प्रिंस श्रीवास्तव तथा 3 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
उमेश चन्द्र त्रिपाठी ब्यूरो
गोरखपुर/महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में चेकिंग के दौरान कारोबारी को एनकाउंटर करने की धमकी देकर बेनीगंज चौकी इंचार्ज आलोक सिंह ने 50 लाख रुपए हड़प लिए। व्यापारी की शिकायत पर कोतवाली थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर दरोगा और उसके साथी को गिरफ्तार कर उनके पास से 44 लाख रुपये बरामद कर लिया है।
वहीं, इस घटना में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। बाकी छह लाख रुपये उनके पास हैं। उधर, यह पैसा किस तरह का है इसकी भी जांच शुरू हो गई है। व्यापारी ने इसे अपना पैसा बताया है हालांकि पुलिस के पास हवाला का पैसा होने की शिकायत है।
वादी नवीन श्रीवास्तव ने अफसरों को बताया कि चेकिंग के दौरान बेनीगंज चौकी इंचार्ज आलोक सिंह ने उसका 50 लाख रुपये हड़प लिया है। मामला एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के संज्ञान में आया तो उन्होंने बेनीगंज चौकी प्रभारी आलोक सिंह को सस्पेंड कर दिया और एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई को पूरे मामले की जांच सौंप दी।
सीसी फुटेज सहित अन्य माध्यमों से की गई जांच के दौरान मामला सही पाया गया। पुलिस ने चौकी इंचार्ज और उसके साथी राजेन्द्र नगर निवासी प्रिंस श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर उनके पास से 44 लाख रुपये बरामद कर लिया। नवीन श्रीवास्तव की तहरीर पर कोतवाली थाने में चौकी इंचार्ज आलोक सिंह और उसके साथी प्रिंस श्रीवास्तव तथा 3 अज्ञात के खिलाफ भ्रष्टाचार सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया।
दरोगा ने दो साल में ही वर्दी पर लगा दिया दाग
आरोपी चौकी इंचार्ज आलोक सिंह वर्ष 2021 बैच का दरोगा है। वर्ष 2022 में ट्रेनिंग के बाद उसे तैनाती मिली थी। लेकिन सिर्फ दो साल की नौकरी में ही उसने रुपयों के लालच में अपनी वर्दी पर दाग लगा दिया। वह मूल रुप से बलिया जिले का रहने वाला है। गोरखपुर में नियुक्ति के बाद बेनीगंज चौकी इंचार्ज के रूप में उसकी दूसरी तैनाती थी। इससे पहले वो चौरीचौरा के तरकुलहा चौकी पर तैनात था। अभी कुछ महीनों पहले ही उसे शहर के बेनीगंज चौकी की कमान मिली थी।
कैंट थाना क्षेत्र में भी पकड़ा गया 4.50 लाख रुपया
चुनाव को लेकर पांच अप्रैल को भी औचक चेकिंग में कैंट थाना क्षेत्र में भी एक व्यापारी के पास 4.50 लाख रुपया उड़न दस्ते के अधिकारियों ने पकड़ा था। जिसे जब्त कर उसकी जांच की गई थी। जांच में व्यापारी ने रुपया का हिसाब दे दिया था।