अदालत के आदेश पर कब्जा दिलाने पहुँची टीम और प्रशासन के बीच बढ़ा विवाद, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में रुकी कार्रवाई
हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
महराजगंज जिले के पनियरा ब्लॉक परिसर शुक्रवार को प्रशासनिक हलचल का केंद्र बन गया, जब कोर्ट के आदेश पर सरकारी भवनों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। सिविल जज जूनियर डिवीजन के आदेश के अनुपालन में अदालत अमीन अरविंद कुमार मिश्रा और हरपत यादव के नेतृत्व में टीम ने कब्जा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की।जिससे कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई और वे जरूरी फाइलें व कागजात समेटने में जुट गए।
मालूम हो कि यह मामला खंड विकास अधिकारी बनाम नरेंद्र सिंह व अन्य का है, जो वर्ष 1987 से दीवानी न्यायालय गोरखपुर में विचाराधीन था। न्यायालय ने 1991 में निर्णय देते हुए वादी पक्ष को कब्जा दिलाने का आदेश दिया था। इसी आदेश के पालन में 7 नवंबर 2025 की तिथि तय की गई थी।
लेकिन जैसे ही ध्वस्तीकरण शुरू हुआ, सूचना मिलते ही कुछ देर बाद मौके पर पहुंचे सदर एसडीएम और अदालत अमीन के बीच तीखी नोकझोंक प्रारंभ हो गई। एसडीएम ने तत्काल कार्रवाई रोकने के निर्देश दिए , जिसको अदालत अमीन मिश्रा ने ध्वस्तीकरण को रोकने से इनकार कर दिया । इसके बाद नाराज एसडीम ने मौके पर मौजूद जेसीबी मशीनों को थाने भेज दिया और अदालत के आदेश का कागज फाइल अमीन से अपने पास ले लिया।
कार्रवाई रुकने के बाद भी ब्लॉक परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा और माहौल तनावपूर्ण बना रहा। स्थानीय लोग पूरे घटनाक्रम को उत्सुकता से देखते रहे थे, वहीं प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे।

