पूर्व अध्यक्ष, ईओ और अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल, कई के बयान दर्ज
हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
घुघली (महराजगंज)। घुघली नगर पंचायत में करोड़ों रुपये के डस्टबिन खरीद घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। लखनऊ से आई आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) की टीम ने गुरुवार को नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर अभिलेखों की बारीकी से जांच की और कई अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पूर्व सभासदों से पूछताछ की।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 में नगर पंचायत घुघली द्वारा डस्टबिन की खरीद में भारी अनियमितताओं का आरोप है। शासनादेश की अनदेखी करते हुए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के बजाय ऑफलाइन खरीद की गई थी। निविदा में भाग लेने वाली तीनों फर्में तकनीकी रूप से अयोग्य पाई गईं, फिर भी उनकी वित्तीय निविदाएं खोली गईं और भुगतान भी किया गया।
इस मामले की प्राथमिक जांच में वरिष्ठ कोषाधिकारी, महराजगंज ने अपनी रिपोर्ट में वित्तीय गड़बड़ी की पुष्टि की थी। रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई थी, लेकिन कथित “उच्च स्तर की संलिप्तता” के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
शिकायतकर्ता अजीत सिंह निवासी मेदनीपुर (नरायन टोला) ने मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाया। शासन स्तर पर संज्ञान लेने के बाद जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) को सौंप दी गई।
EOW की विवेचक सुधा सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए, सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी जब्त की और जांच रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जिसके बाद पूर्व अध्यक्ष, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी और संबंधित फर्मों पर धोखाधड़ी, वित्तीय गड़बड़ी और पद के दुरुपयोग के आरोपों में कार्रवाई हो सकती है।
फिलहाल, EOW टीम घोटाले से जुड़े सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस प्रकरण से जुड़े कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।

