- बच्चों के खेलने और बुजुर्गों के टहलने की सुविधा अधूरी
- खरपतवार और घास से घिरा पार्क, कीड़े-मकोड़ों का अड्डा बना
- सड़क किनारे लगाया ह्यूम पाइप भी शोपीस, भुगतान पर लगी रोक
- एडीओ पंचायत की जांच में जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर
- ग्रामीण बोले—समय रहते निगरानी होती तो सरकारी धन न जाता व्यर्थ
परतावल (हर्षोदय टाइम्स) : महराजगंज जिले के विकास खण्ड परतावल अंतर्गत ग्राम पंचायत बेलराई में मनरेगा योजना के तहत एक वर्ष पूर्व छह लाख रुपये की लागत से बना पार्क अब शोपीस बनकर रह गया है। इस पार्क में न तो बच्चों के खेलने की कोई व्यवस्था है और न ही बुजुर्गों के टहलने की। जगह-जगह फैले खरपतवार और घास के बीच कीड़े-मकोड़ों का डर ग्रामीणों को परेशान कर रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य अधूरा छोड़कर जिम्मेदारों ने केवल कागजों में काम पूरा दिखा दिया। रख-रखाव और देखरेख न होने से सरकारी धन की बर्बादी साफ झलक रही है। यही नहीं, गांव में पानी निकासी के लिए सड़क किनारे लगाया गया ह्यूम पाइप भी शोपीस की तरह खड़ा है, जिससे स्पष्ट है कि योजनाओं का लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच रहा।

मामले की शिकायत पर जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा ने एडीओ पंचायत देवेंद्र गुप्ता को मौके पर जांच करने का आदेश दिया। जांच के दौरान भ्रष्टाचार और लापरवाही की हकीकत सामने आई। एडीओ पंचायत ने संबंधित सचिव को ह्यूम पाइप के भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया और कार्य को शून्य घोषित कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि यह प्रकरण एक जोरदार घोटाले का उदाहरण है। यदि समय रहते अधिकारियों की सख्त निगरानी होती तो न केवल मनरेगा योजना का उद्देश्य पूरा होता बल्कि सरकारी धन भी व्यर्थ न जाता। ग्रामीणों ने जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जा सके।