हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो महराजगंज
महराजगंज जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने तहसील सदर में तैनात राजस्व निरीक्षक योगेन्द्र कुमार को रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया है। मामला अशोक कुमार शर्मा बनाम सरकार के मुकदमे से जुड़ा है, जो मौजा पौहरिया, तप्पा मटकोपा, परगना हवेली, तहसील सदर का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कायकर्ता अशोक कुमार शर्मा ने आरोप लगाया था कि प्रकरण में सकारात्मक रिपोर्ट के लिए राजस्व निरीक्षक ने अवैध धनराशि की मांग की थी। रुपये न देने पर गलत और भ्रामक रिपोर्ट भेजी गई। शिकायत पर उपजिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में पेश किए गए ऑडियो और वीडियो साक्ष्य से रिश्वत मांगने का आरोप सही पाया गया।
इतना ही नहीं, कार्य प्रदर्शन की समीक्षा में भी राजस्व निरीक्षक की लापरवाही उजागर हुई। उ०प्र० राजस्व संहिता-2006 की धारा-24 के 45 प्रकरणों में से केवल 4 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, वहीं धारा-32/38 के 9 और धारा-30 के 19 प्रकरणों में कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जिलाधिकारी ने इसे गंभीर मामला मानते हुए कहा कि राजस्व निरीक्षक ने उ०प्र० सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के नियम 3 व 11 का उल्लंघन किया है। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उन्हें उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के नियम 7 के तहत निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है।
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय तहसील निचलौल निर्धारित किया गया है। उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और बिना पूर्व अनुमति मुख्यालय से अनुपस्थित रहने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया है। किसानों और फरियादियों ने राहत की सांस ली है। आमजन में संदेश गया है कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं जिलाधिकारी ने दोहराया कि जनसमस्याओं के निस्तारण में शिथिलता कतई स्वीकार्य नहीं होगी और दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।