हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
महाराजगंज- 6अप्रैल 2025, नए वक्फ संशोधन बिल के लागू होने पर अब संपत्ति की लूट नहीं होगी। गरीबों को उनका हक मिलेगा। पहले कानून की लचरता का लाभ उठाते हुए काफी लोगों ने संपत्ति की लूटपाट की थी।उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून से कांग्रेस और सपा में बेचैनी का माहौल है। गरीबों के हक को भाजपा उन गरीबों तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। उक्त बाते सदर विधायक जय मंगल कन्नौजिया ने नगर के सिविल लाइन वार्ड में स्थित मदरसा जामिया रजविया नूरुल उलूम में अल्पसंख्यक समाज के लोगों से वक्फ सुधार जनजागरुकता अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही।
सदर विधायक ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार 2006 में 4 लाख 50 हजार संपत्ति थी जिनकी आय 163 करोड़ थी 2013 में 8 लाख 72 हजार संपति से 166 करोड़ कमाई हुई। जबकि कमाई 100 अरब से ऊपर हो सकती थी। इस संपत्ति से गरीबों की सुविधा के लिए शिक्षा स्वास्थ्य की व्यवस्था होगी। अस्पताल, सामुदायिक केंद्र बन सकें । विधायक ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के बाद गरीब मुसलमानों के साथ अन्याय नहीं होगा। इससे सबका साथ, सबका विकास का संकल्प साकार होगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वक्फ एक तरह का ट्रस्ट है जो मुसलमानों के हित में काम करने के लिए बनाया गया था लेकिन इस ट्रस्ट पर कुछ लोगों का कब्जा हो गया जिस कारण इसका लाभ मुसलमानों के सभी वर्गों तक नहीं पहुंच सका। कमजोर मुसलमान इस लाभ से वंचित रहे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वक्फ संशोधन कानून बन चुका है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पास होने के बाद देश के करोड़ों मुसलमान आज प्रधानमंत्री को धन्यवाद दे रहे हैं लेकिन विपक्ष को यह कानून रास नहीं आ रहा है। इस कानून को लेकर समाज के लोगों को बरगलाया जा रहा है। इसमें महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा। वक्फ गरीबों और अनाथों के लिए होता है। मोदी सरकार का प्रयास है कि देश का गरीब वर्ग समृद्ध और सशक्त होगा तो देश समृद्धि की ओर अग्रसर होगा, लेकिन विपक्षी नेताओं ने कभी गरीब वर्ग की चिंता नहीं की। इसके पूर्व मदरसे के प्रबंधक शमशुल हुदा खान सहित मदरसे के तमाम शिक्षकों ने विधायक का बेज लगाकर और माला पहना कर स्वागत किया।
इस अवसर पर भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा जिला संयोजक इल्ताफ खान, अध्यक्ष हाजी गुलाम रसूल, डॉ सैयद अली, सफी अहमद, सैफुद्वजा, शहाबुद्दीन, नूरुल एन खान , अनवर अली, सदरे आलम खान, अख्तर हुसैन, फारूक अब्बासी, हाजी मुस्तफा, वजहुल हुदा खान सहित तमाम अल्प संख्यक समाज के लोग मौजूद रहे।
