प्रतापगढ़ के कुंडा तहसील में पीएम किसान सम्मान निधि में हुआ करोड़ो का घोटाला

उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़

3 माह में हुई चार लाख फर्जी किसानों की डायरेक्ट इंट्री

कुंडा/लखनऊ/ महाराजगंज।   प्रतापगढ़ जनपद  के कुंडा तहसील में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट किसान सम्मान निधि में करोड़ो रुपए का घोटाला सामने आया है। सक्रिय दलालों ने गैर प्रांत के व्यक्तियों को भी कुंडा तहसील में  राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी हिस्सेदारी तय करके उनके खातों में करोड़ो रुपए भेजकर सरकारी धन का घोटाला कर लिया। जब तक जिले के अधिकारियों को इस बात की जानकारी हो पाती, तब तक लाखों अपात्र व्यक्तियों के खाते में करोडों रुपए की किसान सम्मान निधि की धनराशि पहुँच गई थी। विभागीय अधिकारी और उनके पाले हुए चेले मामलें को अब लीपापोती करने में जुट गए हैं।

कुंडा तहसील में राजस्व अधिकारियों और उनके संरक्षण में कार्य करने वाले गुर्गों ने तहसील में किसान सम्मान निधि के नाम पर जमकर घोटाला किया है। अक्टूबर 2024 से लेकर 25 दिसम्बर 2024 तक कुंडा में सक्रिय माफियाओं ने करीब चार लाख किसानों की डायरेक्ट इंट्री कर डाली। माफियाओं और दलालों ने कूटरचित खतौनी तैयार करके भूमिहीन, नाबालिग और अपात्रों को किसान बनाकर उनका नाम फीड कर दिया। गिरोह इतना सक्रिय और मजबूत रहा कि उसने गैर प्रांतों और गैर जनपदों के व्यक्तियों को कुंडा का किसान बनाकर उनका नाम किसान सम्मान निधि में पैसा भेजने के लिए फीड कर दिया।

सूत्रों पर विश्वास करें तो फर्जी किसानों की फीडिंग करने में इन फर्जी किसानों से आधी रकम वसूल कर उनकी फीडिंग की जाती थी। तहसील में सक्रिय इस गिरोह में राजस्व अधिकारियों के पाले हुए चेलों के अलावा तहसील में कार्यरत संविदाकर्मियों का भी नाम उछलकर सामने आ रहा है। उच्च अधिकारियों को तहसील में सक्रिय गिरोह की जानकारी जब तक हो पाती तब तक लाखों फर्जी किसानों के खातों में जनता की खून पसीने से कमाई हुई टैक्स से सरकारी खजाने में जमा की गई धनराशि इन दलालों और फर्जी किसानों के पास पहुँच चुकी थी। हालांकि विभाग का दावा है कि उसने चार लाख फर्जी किसानों में से करीब डेढ़ लाख फर्जी किसानों के खाते में धनराशि जाने से रोक दिया है।

इस पूरे मामलें की जानकारी होने के बाद तत्कालीन डीएम संजीव रंजन ने पत्र जारी करके फर्जी किसानों के नाम निष्क्रिय करने का आदेश कृषि, राजस्व एवं अन्य संबंधित विभागों को जारी किया था। डीएम के आदेश जारी हो जाने के बाद कुंडा तहसील प्रशासन अपनी काली करतूत और घोटाले को छिपाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। इस संबंध में तहसीलदार कुंडा अरविंद कुमार का कहना है कि मामलें की तहरीर कुंडा थाने में दी गई है। कुंडा कोतवाल सत्येंद्र सिंह ने बताया कि मामलें की जांच साइबर सेल द्वारा की जा रही है।

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