हर्षोदय टाइम्स / उमेश चन्द्र त्रिपाठी
लखनऊ /महराजगंज! बुधवार को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी भवानी सिंह ने यह आदेश जारी किया कि पांच किलोवाट तक के घरेलू कनेक्शन पर परिसर के एक हिस्से में कोई छोटी-मोटी दुकान चल रही है तो बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। कॉमर्शियल कनेक्शन नहीं लेने पर बिजली निगम राजस्व निर्धारण की कार्रवाई कर सकता है। बुधवार को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी भवानी सिंह ने यह आदेश जारी किया।
आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत (कठिनाई का निवारण) प्रथम आदेश, 2009 के अनुसार यदि चेकिंग के दौरान पांच किलोवाट या उससे कम भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के परिसर का आंशिक उपयोग कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए पाया जाता है। मीटर बाईपास/ मीटर टेम्पर अथवा अन्य कोई विसंगति सामने नहीं है, तो ऐसे मामलों में धारा-135 विद्युत अधिनियम-2003 के अंतर्गत एफआईआर की कार्रवाई न की जाए।
ऐसे में नियमानुसार प्रोविजनल असेसमेंट की धनराशि से उपभोक्ता को नोटिस के जरिए सूचित किया जाए। वहीं राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2009 में ही कानून बन गया था कि ऐसे मामले में बिजली चोरी का केस दर्ज नहीं किया जा सकता। सिर्फ राजस्व निर्धारण की कारवाई की जा सकेगी।