मृतकों, बुजुर्गों और बाहर काम करने वालों के नाम पर भुगतान, ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से की जांच की मांग
महराजगंज। परतावल विकास खंड की ग्राम पंचायत महम्मदा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पंचायत में बड़े पैमाने पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार, मनरेगा के तहत ऐसे लोगों के नाम पर मजदूरी भुगतान दर्शाया गया है, जिन्होंने कभी कार्यस्थल पर कदम तक नहीं रखा। आरोप है कि मृतक, बुजुर्ग, दिव्यांग, दुकानदार, वाहन चालक और बाहर रोजगार करने वाले व्यक्तियों के नाम से हाजिरी भरकर भुगतान कराया गया और बाद में उनसे धनराशि वसूल ली गई।
शिकायत में बताया गया है कि गांव निवासी विक्रम की मृत्यु के बाद भी 24 मई 2025 से 8 जून 2025 के बीच उनके नाम से मनरेगा कार्यों में उपस्थिति दर्ज कर मजदूरी का भुगतान कर दिया गया। इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्य नथुनी, जिन्होंने कभी मनरेगा में काम नहीं किया, उनके खाते में भी मजदूरी की राशि भेजी गई।
ग्रामीणों का कहना है कि 80 वर्षीय शिवचरण, ट्रक चालक सुरेंद्र, सब्जी विक्रेता राकेश और परतावल में कार्यरत धर्मेंद्र के नाम पर भी भुगतान दिखाया गया है। इसके अलावा दर्जी का काम करने वाले अली शेर, पैर से दिव्यांग राम किशुन, ऑटो चालक रोहित, नाई की दुकान चलाने वाले सम्भारू व दीनदयाल, चाय दुकानदार अशोक, बिल्डिंग मैटेरियल कारोबारी भगवत चंद और बेंगलुरु में काम करने वाले जितेंद्र के खातों में भी मनरेगा मजदूरी भेजे जाने का आरोप है।
ग्रामीणों का दावा है कि ऐसे मामलों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है और यह पूरा मामला ग्राम पंचायत स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। इससे मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
मामले को लेकर ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में एपीओ दिलीप गौतम ने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में है और जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

