महराजगंज जनपद में मुख्यमंत्री के आदेश का नहीं हो रहा पालन
पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबा है एआरटीओ विभाग
भारत-नेपाल मैत्री के नाम पर अवैध बसों का संचालन आज भी जारी
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) ! सोनौली बार्डर से दिल्ली तक विना परमिट के अवैध रूप से चल रहीं नेपाल और भारत की लगभग तीन दर्जन बसों के संचालन का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। जहां एक तरफ परिवहन निगम को हर माह राजस्व का करोड़ों रूपए का चूना लग रहा है वहीं दूसरी तरफ एआरटीओ विभाग इक्का-दुक्का बसों को सीज कर अपनी पीठ थपथपा रहा है।

बताते चलें कि बीते दिनों कन्नौज में हुए एक टूरिस्ट बस हादसे में काफी लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हृदय विदारक घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि सड़क पर जो भी बसें अनाधिकृत तौर पर चल रही हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि दुबारा इस तरह की घटनाएं न हों। उनके आदेश के बाद भी महराजगंज के एआरटीओ ने सोनौली बार्डर से टूरिस्ट के नाम पर नेपाल और भारत से चलने वाली करीब तीन दर्जन से ज्यादा बसों के संचालन को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि एक- दो बार उन्होंने इक्का-दुक्का बसों को सीज कर अपना पल्ला झाड़ लिया। स्थित यह है कि आज सुबह उन्होंने एक बस सीज किया और चले गए। लेकिन उनके जाने के बाद अवैध बसों का संचालन पुनः शुरू हो गया।
इस संबंध में सोनौली बस डीपो के एआरएम का कहना है कि इस बारे महराजगंज एआरटीओ से लेकर गोरखपुर तक के विभागीय अधिकारियों को कई बार पत्रचार द्वारा अवगत कराया गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके कारण परिवहन निगम को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
सूत्रों का कहना है कि इन्हीं बसों से बड़े पैमाने पर तस्करी भी की जा रही है। इन बसों से भारत से मंहगे शराब, कपड़े, मोबाइल सेट और मोटर पार्ट्स की तस्करी आम बात है।
इस संबंध में एआरटीओ विनय कुमार सिंह ने कहा कि आज एक बस को सीज किया गया है। इससे पहले भी कुछ बसों को सीज किया गया था। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर अवैध बसों का संचालन नहीं होगा। अब जिले यात्री निरीक्षक की भी तैनाती हो गई है। अब लगातार चेकिंग अभियान चला कर ऐसे बसों को सीज किया जाएगा जो विना परमिट के चल रही हैं।
