गौशालाओं की स्थिति, चारा, चिकित्सा व देखभाल व्यवस्था की हुई विस्तार से समीक्षा, आत्मनिर्भर बनाने पर जोर
महराजगंज, 24 अक्टूबर (हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो)। जनपद में गोवंशों के संरक्षण एवं संवर्द्धन को लेकर जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में गौ आश्रय स्थलों की वर्तमान स्थिति, गोवंशों की संख्या, चारा, चिकित्सा व्यवस्था और देखभाल से संबंधित बिंदुओं की विस्तार से समीक्षा की गई।
डीएम ने निर्देश दिया कि जिन गौशालाओं में निर्धारित संख्या से कम गोवंश हैं, वहां के गोवंशों को नजदीकी वृहद गौशालाओं में स्थानांतरित किया जाए ताकि उनकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बीमार गोवंशों के लिए पृथक कक्ष या स्थान की व्यवस्था अनिवार्य करने को कहा।
जिलाधिकारी ने प्रत्येक विकासखंड में शव निस्तारण स्थल हेतु भूमि चिन्हित करने और जनपद में उपलब्ध गोचर भूमि के सत्यापन व चारा भूमि की फेंसिंग शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि गौ आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौ उत्पादों जैसे गौमूत्र, गोबर आधारित दीये, खाद आदि के निर्माण और विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि आश्रय स्थल आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
डीएम ने नोडल अधिकारियों को अपने-अपने गौशालाओं का नियमित निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण शासन की प्राथमिकता है, अतः अधिकारी जिम्मेदारी से कार्य करें।
बैठक के दौरान मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद की 31 गौशालाओं में 2113 गोवंश संरक्षित हैं। इनमें गोसदन मधवलिया में 655, अस्थाई गोआश्रय स्थलों में 664, वृहद गोसंरक्षण केंद्रों में 332, कान्हा हाउस में 273 और कांजी हाउस में 189 गोवंश हैं। निराश्रित गोवंशों को पकड़ने के लिए 06 कैटल कैचर टीमें कार्यरत हैं।
बैठक में एडीएम डॉ. प्रशांत कुमार, सीएमओ डॉ. श्रीकांत शुक्ला, सीवीओ डॉ. हौसला प्रसाद, डीडीओ बी.एन. कन्नौजिया, डीसी एनआरएलएम मो. जाकिर सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

