निचलौल में पुलिस बनी मानवता की मिसाल, अर्थी को कंधा देकर पहुंचाया श्मशान घाट

उत्तर प्रदेश महाराजगंज

गरीब परिवार की मदद में आगे आई महराजगंज पुलिस, पीड़ित के अंतिम संस्कार में निभाया मानवीय धर्म , देखकर भावुक हुए ग्रामीण

हर्षोदय टाइम्स/अर्जुन चौधरी

निचलौल/महराजगंज- पुलिस का नाम लेते ही आमतौर पर लोगों के मन में सख़्ती और कानून का डर उभरता है, लेकिन निचलौल पुलिस ने ऐसा काम किया जिससे इंसानियत पर भरोसा और गहरा हो गया।

निचलौल थाना क्षेत्र के झुलनीपुर गांव में पीलिया से ग्रसित एक युवक की मृत्यु हो गई थी। परिजनों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, जिसके कारण शव को श्मशान घाट तक ले जाने में कठिनाई हो रही थी। जानकारी मिलते ही निचलौल पुलिस मौके पर पहुंची और जो दृश्य सामने आया, उसने हर किसी को भावुक कर दिया।

पुलिसकर्मियों ने बिना किसी झिझक के अर्थी को कंधा दिया और ग्रामीणों के साथ कई किलोमीटर तक पैदल चलकर शव को अंतिम संस्कार स्थल तक पहुंचाया। यह दृश्य देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं और हर जुबान पर एक ही बात थी – “आज भी पुलिस में इंसानियत जिंदा है।”

इस भावुक पल ने साबित कर दिया कि पुलिस सिर्फ कानून की रखवाली नहीं करती, बल्कि जरूरत पड़ने पर समाज की सबसे बड़ी सहारा भी बन जाती है।

थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार वर्मा ने इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि, “पुलिस भी समाज का ही हिस्सा है, हमारे भीतर भी वही संवेदनाएं हैं जो किसी आम व्यक्ति के हृदय में होती हैं। हमारे कर्म अगर किसी की पीड़ा को कम कर सकें, तो वही सबसे बड़ा धर्म है।”

निचलौल पुलिस का यह कार्य न सिर्फ मानवीय मूल्यों की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब वर्दी के भीतर इंसान बोलता है, तो कानून और करुणा दोनों एक साथ चल सकते हैं।

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