स्टांप एवं पंजीकरण विभाग ने जारी की अधिसूचना, परिवारों को बड़ी राहत
हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। पैतृक संपत्ति के बंटवारे में अब भारी-भरकम खर्च नहीं करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए तीन पीढ़ियों तक की पैतृक संपत्ति के विभाजन डीड (वसीयतनामा/डीड पंजीकरण) की प्रक्रिया को आसान और किफायती बना दिया है। नई अधिसूचना के मुताबिक अब मात्र 10 हजार रुपये में पैतृक संपत्ति का बंटवारा कराया जा सकेगा।
कितना लगेगा शुल्क?
नई व्यवस्था के तहत पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर सिर्फ 5 हजार रुपये स्टांप शुल्क और 5 हजार रुपये पंजीकरण शुल्क लगेगा। पहले विभाजन डीड पर संपत्ति के मूल्य का चार प्रतिशत स्टांप शुल्क और एक प्रतिशत पंजीकरण शुल्क लिया जाता था, जिससे बंटवारे का खर्च कई बार लाखों रुपये तक पहुंच जाता था।
किन संपत्तियों पर लागू होगी छूट?
यह छूट केवल कृषि, आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों पर ही लागू होगी। जबकि फर्म, सोसायटी, ट्रस्ट, कंपनी, औद्योगिक और संस्थागत संपत्तियों के बंटवारे में यह लाभ नहीं मिलेगा।
पारिवारिक वंशावली अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत बंटवारे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन पीढ़ियों तक की पारिवारिक वंशावली को विभाजन डीड में दर्ज करना अनिवार्य होगा।
अब तक क्यों नहीं होते थे पंजीकरण?
अब तक भारी खर्च के कारण परिवार पैतृक संपत्ति के बंटवारे का पंजीकरण कराने से बचते थे। वर्ष 2019 से 2023 तक पूरे प्रदेश में सिर्फ 244 विभाजन डीड पंजीकृत हुईं। नई व्यवस्था से यह संख्या कई गुना बढ़ने की संभावना है।
विभागीय आदेश
विभागीय प्रमुख सचिव अमित गुप्ता द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि यह छूट केवल पैतृक अचल संपत्ति पर ही लागू होगी। उत्तराधिकारी विधियों के अनुसार वारिसों को संपत्ति हस्तांतरित करने की स्थिति में ही यह लाभ मिलेगा।
नई व्यवस्था से परिवारों को न केवल कानूनी सुरक्षा मिलेगी बल्कि पीढ़ियों से लंबित विवाद भी सुलझाने में आसानी होगी।