गोरखपुर के सैनिक स्कूल में चली तुगलकी फरमान की आंधी, बिना किसी पूर्व नोटिस के अबैध ढंग से निकाले गये 19 कर्मचारी

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

  • निकाले गये कर्मचारियों में तीन महिला शिक्षिकाएं भी
  • महिला सम्मान और सुरक्षा को दरकिनार कर रात में जबरिया निकलने को किया मजबूर
  • महिला शिक्षिकाओं के साथ भी की गई गाली गलौज और अभद्रता

गोरखपुर । सैनिक स्कूल मानबेला गोरखपुर में तैनात आउटसोर्सिग कर्मचारियों को प्रताड़ित कर अवैध तरीके से विद्यालय प्रशासन ने मंगलवार को कार्यमुक्त कर दिया। ये सभी कर्मचारी आउटसोर्सिंग से तैनात थे। अपने प्रार्थना पत्र में पीड़ितों ने मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देते हुए लिखा है कि “प्रार्थीगण सैनिक स्कूल मानबेला गोरखपुर में आउटसोर्सिंग के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारी हैं। हम सभी अपनी ड्‌यूटी पूरी लगन और निष्ठा से करते है। दिनांक 02-09-2025 दिन मंगलवार को हम सभी विद्यालय में अपने कार्य में लीन थे उसी दौरान कर्नल श्री राजेश राघव एवं कर्नल श्री देवेन्द्र सिंह चौहान (कार्यवाहक प्रधानाचार्य) ने हम लोगों को बुलाया तथा धमकी देकर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए एक घण्टे के भीतर विद्यालय परिसर को खाली करने का मौखिक आदेश दिया।


उक्त के सन्दर्भ में सामाजिक विज्ञान शिक्षिका एवं हास्टल सुपरिटेंडेण्ट श्रीमती पूनम द्विवेदी एवं सुश्री गायत्री मिश्रा ने कारण पूछा तो श्री देवेन्द्र सिंह चौहान के उकसाने पर कर्नल श्री राजेश राघव ने गाली देते हुए अमर्यादित, असंसदीय अपशब्दों का प्रयोग करते हुए विद्यालय में पुलिस बुलाने की धमकी देकर जबरन विद्यालय से बाहर निकलने को मजबूर किया गया। निकाले गये कर्मचारियों में महिला शिक्षिकाएं भी हैं। निष्कासित महिला शिक्षिकाओं को शाम में जबरन विद्यालय से सामान सहित बाहर जाने को मजबूर किया गया तथा उनके साथ अभद्रता भी कर्नल देवेन्द्र सिंह चौहान के उकसाने पर कर्नल राजेश राघव व रचित पाण्डेय के द्वारा की गई जिसका विरोध वहां सभी उपस्थित कर्मचारियों प्रवीण कुमार (कार्यालय सहायक), धर्मेन्द्र कुमार शुक्ल (एन.डी.ए.हिन्दी), प्रभात पटेल (फुटबाल कोच), अक्षय दूबे (वालीबॉल कोच), प्रशान्त अवस्थी (कार्यालय सहायक), अभिषेक त्रिपाठी (एन.डी.ए. अंग्रेजी), सौरभ मिश्रा (एन.डी.ए संस्कृत), अनिल अवस्थी (कार्यालय सहायक), राजेश सिंह (चौकीदार), विवेक राव (ड्राइवर), नबीन दुबे (वार्डन) व अन्य उपस्थित कर्मचारियों के द्वारा गाली देने का विरोध किया गया। जिससे हम सभी को भद्‌दी भद्दी गालियाँ देते हुए शाम को जबरन विद्यालय से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया गया। उनके द्वारा की गयी अभद्रता का जिक्र इस पत्र में नहीं किया जा सकता, मिलने पर विस्तार में बताया जाएगा ।

पीड़ितों ने बताया कि इस तरह के तुगलकी फरमान व अमर्यादित ढंग से हम कार्यरत कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के जबरिया विद्यालय से निकाले जाने से हम सभी कर्मचारियों के मानवाधिकारों का हनन हुआ है। इसके अलावा कार्यरत महिला कर्मचारियों के महिला सुरक्षा तथा उनके सम्मान के साथ यह एक क्रूर फैसला है। अबैध तरीके से निकावे गये कर्मचारियों ने मांग किया कि उक्त मामले में आवश्यक कार्यवाही करने तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

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