खड्डा थाने के चर्चित सिपाहियों का कारनामा, 36 घंटे बैठाया, धमकाकर वसूले पैसे, फिर 7 दिन बाद किया मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश कानपुर

  • खड्डा थाना क्षेत्र के तुर्कहां गांव निवासी युवक का आपबीती दर्द
  • एसपी से किया न्याय की फरीयाद
  • 36 घंटे थाने में बैठाने का आरोप

हर्षोदय टाइम्स से अजय पाठक,

कुशीनगर । खड्डा थाने पर तैनात तीन चर्चित सिपाहियों द्वारा एक शिकायती प्रार्थना में 36 घंटे तक युवकों को थाने में बैठाए रखने, पिता के सामने मारने पीटने एवं रूपए की लेन-देन कर समझौता के बाद शांति भंग में चालान कराने का मामला सामने आया है। प्रकरण में युवक द्वारा पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रार्थना पत्र देते ही 7 दिनों बाद उक्त युवकों के विरुद्ध थाने पर मुकदमा दर्ज किए जाने की बात सामने आ रही है। पहले प्रताड़ना और फिर मोटा रकम लेकर मैनेज करने वाले ऐसे ही पुलिसकर्मी विभाग की छवि बदनाम करने पर तुले हुए हैं।

मामला खड्डा थाना क्षेत्र के तुर्कहां गांव का है जहां गांव के मुसाफिर पुत्र जुमराती ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक कुशीनगर को दिए प्रार्थना में बताया है कि उसे बीते 15 अगस्त को खड्डा थाने में तैनात एक सिपाही ने एक लड़की के प्रार्थना पत्र देने के बाद दोपहर 1.30 बजे घर से उठाकर थाने पर लाए और गंभीर मुकदमें में जेल भेजने के नाम पर धमकी देते हुए उसे 36 घंटे थाने के अंदर बैठाए रखे और उसे मारते-पीटते रहे जिससे कान से खून आने लगा और छोड़ने के नाम पर 1 लाख रुपए देने की घुड़की धमकी भी मिलती रही। आरोप है कि पिता और बड़े भाई को थाने बुलाया गया और बड़े भाई वजीर को भी थाने में बैठा लिया गया और पिता के लाख- दुहाई के बाद पिता के मौजूदगी में थाने पर तैनात तीन चर्चित सिपाही पुनः मारने पीटने लगे, मुसाफिर के अनुसार थक- हारकर ब्याज पर लेकर 50 हजार रूपए देने पर उसे और उसके भाई को छोड़ दिया गया। लेकिन 36 घंटे बाद शांति भंग में चालान की कार्रवाई कर दी गई।

इस पूरे मामले को लेकर मुसाफिर ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा से अपनी फरियाद की और चर्चित तीनों सिपाहियों के विरुद्ध नाम दर्शित कर प्रार्थना पत्र सौंपा तो इस बात की जानकारी होने पर देर शाम आनन-फानन में उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई भी कर दी गई है। इसे पूरे प्रकरण में एक बात सामने आ रही है कि कि यदि बीते 13 अगस्त को एक लड़की द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया तो कार्रवाई क्यों रोकी गई, दूसरा यह कि 36 घंटे थाने पर बैठाकर टार्चर क्यों किया गया और जब रूपये की मांग पूरा हो गई तो शांति भंग की कार्रवाई कर मामले की इतिश्री कर दी गई।

यहां तक कि जब उक्त युवक द्वारा पुलिस अधीक्षक से थाने के तीन चर्चित सिपाहियों के नाम और रूपए वसूलने की शिकायत की गई तो एक सप्ताह बाद मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया जो अब सवालों के घेरे में है। अब देखना यह होगा कि मामले में क्या जांच और कार्यवाही होती है। इस संबंध में कुशीनगर पुलिस का कहना है कि प्रकरण में सीओ खड्डा द्वारा जा रही है।

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