परतावल (हर्षोदय टाइम्स) महराजगंज जनपद के नगर पंचायत परतावल की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर, सैकड़ों वर्ष पुरानी मां भवसागर मंदिर के प्रांगण में लगे भव्य मेले ने पूरे क्षेत्र को भक्ति और उत्सव के रंग में रंग दिया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और सांस्कृतिक गतिविधियों ने इस आयोजन को एक यादगार उत्सव में बदल दिया।
रविवार सुबह से ही श्रद्धालु मां भवसागर के दर्शन के लिए मंदिर प्रांगण में पहुंचने लगे। लोगों ने मां के चरणों में नारियल, चुनरी और फूल अर्पित किए। पूरे वातावरण में “जय मां भवसागर” के जयघोष गूंजते रहे।
इतिहास और आस्था का संगम यह मंदिर नगर पंचायत परतावल के वार्ड नंबर आठ छत्रपति शिवा जी नगर में स्थित है और इसकी स्थापना को लेकर मान्यता है कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पहले परतावल निवासी त्रिपाठी परिवार के पूर्वजों के द्वारा स्थापना किया गया था वर्षों पुराना यह मंदिर पूर्वजों का एक धरोहर है। पीढ़ियों से लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी है और हर वर्ष यहां मेला लगना एक परंपरा बन चुकी है।
मंदिर प्रांगण के बाहर लगे मेले में श्रद्धा और उत्सव का अद्भुत संगम देखने को मिला। झूले, प्रसाद के स्टॉल, लोकगीत, झांकियां और बच्चों के खेलों ने मेले को जीवंत कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों ने देवी गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
भवसागर मंदिर समिति, प्रशासन, नगर पंचायत,और स्थानीय युवाओं की सहभागिता से सुरक्षा, जल, प्रकाश और सफाई व्यवस्था अत्यंत सराहनीय रही। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं।
मन्दिर के पुजारी गुलाब साहनी का कहना है कि मां भवसागर की कृपा से हर वर्ष यह मेला और भी भव्य होता जा रहा है। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावना को पुष्ट करता है बल्कि सामाजिक एकता और लोक संस्कृति को भी जीवंत करता है। बृजेन्द्र कृष्ण त्रिपाठी उर्फ राजू बाबू का कहना है की
नगर पंचायत परतावल के इस ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित मेला, मां भवसागर के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और क्षेत्रीय संस्कृति की गौरवशाली छवि को दर्शाता है। यह मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सांस्कृतिक विरासत भी है।
