हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
महराजगंज/उत्तर प्रदेश- सोनौली बार्डर के रास्ते भारतीय सेना की एक टुकड़ी आज नेपाल के लिए रवाना हुई। इस टुकड़ी में भारतीय सेना के 334 जवान शामिल हैं जो 18वें बटालियन स्तर के संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्य किरण में भाग लेंगे। यह अभ्यास 29 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक नेपाल के सालझंडी में आयोजित होगा। यह दोनों देशों में वैकल्पिक रूप से आयोजित एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इस अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के सैनिक सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हुए संयुक्त अभियानों के संचालन में एक मजबूत संबंध को बढ़ावा देंगे।
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सूर्य किरण अभ्यास सैनिकों को जंगली युद्ध, पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत मानवतावादी सहायता और आपदा राहत में सहयोग बढ़ाने का एक मंच प्रदान करेगा। सूर्य किरण अभ्यास का यह संस्करण भारतीय सेना के जनरल उपेंद्र द्विवेदी के नेपाल दौरे और नेपाल सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल के भारत दौरे के बाद आयोजित हो रहा है। यह अभ्यास भारतीय और नेपाली सैनिकों के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जहां वे विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे और एक-दूसरे की ऑपरेशनल प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्राप्त करेंगे।
आपको बता दें कि यह सूर्य किरण अभ्यास भारत और नेपाल के बीच मित्रता, विश्वास, और सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधनों का प्रतीक है। यह एक उत्पादक और पेशेवर सहयोग की दिशा में मंच तैयार करता है, जो दोनों देशों की रक्षा सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। यह अभ्यास साझा सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने और दो मित्र राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में भी सहायक होगा।
मालूम हो कि नेपाली सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने 11 से 14 दिसंबर तक भारत का तीन दिवसीय दौरा किया था। इस दौरान भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ उनके कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर वार्ता हुई थी, जिनमें दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने और रणनीतिक रक्षा क्षेत्रों में संयुक्त कार्यों पर चर्चा की गई। इस यात्रा के दौरान जनरल सिग्देल को भारतीय सेना के मानद जनरल का पद प्रदान किया गया और उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के पासिंग आउट परेड की समीक्षा की। इसके अतिरिक्त, नेपाल की सेना को ऑपरेशनल और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें संयुक्त अभ्यास और अन्य सहयोग शामिल हैं।
