महराजगंज की सांची अग्रवाल को “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार” से किया गया सम्मानित

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हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो

आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मिला सम्मान

महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स)- यूपी के महराजगंज जिले के सिसवा बाजार की रहने वाली सांची अग्रवाल के साथ-साथ 17 अन्य बच्चों को आज नई दिल्ली में “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। इन बच्चों को यह पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के कर कमलों से प्रदान किया गया।

बता दें कि यूपी के महराजगंज जिले के सिसवा बाजार की निवासी सांची अग्रवाल सबको अपनी प्रतिभा से आश्चर्यचकित कर देती हैं। सिर्फ सात साल की उम्र में इन्होंने अलग-अलग मंचों पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। जहां इस उम्र में बच्चे सिर्फ खेलने में रह जाते हैं तो वहीं यह पुरस्कारों की एक लंबी फेहरिस्त अपने नाम दर्ज करा चुकी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ सात साल की सांची अग्रवाल के नाम दो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इनकी प्रतिभा की तारीफ कर रहे हैं। इनकी खास बात है कि जहां देश के युवा वेस्टर्न कल्चर की तरफ आगे बढ़ रहे हैं तो वहीं यह भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ा रही है।

मल्टीटैलेंटेड गर्ल सांची अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि वह ताइक्वांडो प्लेयर होने के साथ-साथ वह क्लासिकल डांसर भी हैं। इसके अलावा उन्हें ड्राइंग, कंप्यूटर एक्टिविटीज, स्पीच के साथ-साथ अन्य कई विधा में भी रुचि है। उन्होंने बताया कि जब वह सिर्फ दो साल की थी तबसे वह क्लासिकल डांस और अन्य स्किल की ट्रेनिंग ले रही है।

उन्होंने कहा कि उनकी सफलता के पीछे उनके मम्मी और पापा का बड़ा योगदान रहता है। उनकी मम्मी उन्हें डांस के साथ-साथ अन्य स्किल की ट्रेनिंग भी देती हैं तो वहीं उनके पापा समय-समय पर उनके लिए अवसर के तलाश में भी रहते हैं जिससे सांची अग्रवाल परी को विभिन्न मंचों पर प्रदर्शन करने का मौका मिलता है।
आपको जानकार हैरानी होगी कि उम्र में छोटी हैं मगर मल्टीटैलेंटेड लड़की अब तक सत्तर से भी ज्यादा मंचों पर प्रदर्शन कर चुकी हैं। पहली बार उन्हें स्थानीय मंच सिसवा महोत्सव में प्रदर्शन करने का मौका मिला। इसके बाद से इन्हें अपनी पहचान मिली और अब वह महराजगंज, अयोध्या और दिल्ली के अलावा अन्य कई बड़े जगहों पर प्रदर्शन कर चुकी हैं। इनके नाम दो वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं जो इनकी प्रतिभा को दर्शाते हैं। इनके रूम की दीवारें मेडल और पुरस्कारों से भरी पड़ी है। खास बात है कि इनकी प्रतिभा को देखते हुए जिले के दूसरे बच्चे भी अब अपनी कला को निखारने लगे हैं जो एक सकारात्मक पहल देखने को मिल रही है।

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