कूट रचित दस्तावेज के सहारे भारी वित्तीय अनियमितता के आरोप में ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित

उत्तर प्रदेश महाराजगंज

* विभागीय जांच के लिए खंड विकास अधिकारी पनियरा  नामित


* ग्राम पंचायत अधिकारी विकास कुमार सिंह डीपीआरओ कार्यालय से हुए संबद्ध

हर्षोदय टाइम्स / उमेश चन्द्र त्रिपाठी ब्यूरो

महराजगंज! तीन वर्ष पहले 19 फरवरी 2021 के कार्य योजना स्वीकृत पर अंकित ग्राम पंचायत रामपुर चकिया विकास खण्ड परतावल में प्राथमिक विद्यालय रामपुर चकिया का आधुनिकीकरण/कायाकल्प का कार्य लागत मु०-933000 जिसकी स्वीकृति जिलाधिकारी के आदेश संख्या 732, दिनांक 08 जुलाई 2021 से प्रदान की गयी थी। जिसकी पुष्टि कार्यालय डिस्पैच रजिस्टर से की गयी।

धनराशि स्वीकृत करने हेतु कार्यालय पत्र संख्या 1146 दिनांक 15 जून, 2023 से प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। निदेशक पंचायती राज उ0 प्र0 लखनऊ के पत्र संख्या 8/280/2021-8/117/2020-21 दिनांक 12 जुलाई, 2021 से शासनादेश दिनांक 19 फरवरी, 2021 के संलग्नक में परियोजना क्रमांक 01 पर 844000 धनराशि का कार्य अंकित है। जिससे परियोजना लागत में 10 प्रतिशत से अधिक का परिवर्तन होता है।

शासनादेश के अनुसार यदि किसी परियोजना की लागत में 10 प्रतिशत से अधिक का परिवर्तन होता है तो परियोजना पर जिला स्तरीय समिति के माध्यम से राज्य स्तरीय समिति का पुनः अनुमोदन प्राप्त करना अनिवार्य होगा व अंकित करते हुए संशोधित प्रस्ताव जिलाधिकरी के हस्ताक्षर से निदेशालय को तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत अधिकारी विकास कुमार सिंह द्वारा जिलाधिकारी से प्रस्ताव स्वीकृत न कराकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर स्वीकृत धनराशि 933000 के स्थान पर 92400000 अंकित करते हुए कार्यालय में प्रति उपलब्ध कराया गया था।

निदेशक पंचायती राज लखनऊ द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के क्रम में पूर्व प्रेषित प्रस्ताव की प्रति 933000 स्वीकृति आदेश संख्या 732 दिनांक 08 07 2021 एवं पुन प्रेषित 924000 आदेश पत्रांक 732 दिनांक 08-07-2021 समान पाये जाने पर तथा धनराशि में भिन्नता को दृष्टिगत रखते हुए प्रथम दृष्टया पत्र संदिग्ध प्रतीत होता है की आपत्ति प्रस्तुत करते हुए जांच कराकर जांच आख्या उपलब्ध करने पर पता चला कि विकास कुमार सिंह सचिव ग्राम पंचायत कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के लिए दोषी हैं।

ऐसे में विकास कुमार सिंह ग्राम पंचायत अधिकारी विकास खण्ड-परतावल को उक्त आरोपों के सम्बन्ध में तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।

इस दौरान विकास कुमार सिंह जीवन निर्वाह भत्ता की धनराशि, अर्द्ध औसत वेतन पर देय अवकाश के बराबर होगा एवं उक्त धनराशि पर देय महंगाई भत्ता भी देय होगा। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन काल में इस शर्त पर देय होंगे कि सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा उन मदों में वास्तव में व्यय किया जा रहा है जिसके लिए ऐसे प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।

उपरोक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जब विकास कुमार सिंह ग्राम पचायत अधिकारी इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, योजनावृत्त में नहीं लगे हैं।

निलम्बन अवधि में सचिव से अधोहस्ताक्षरी कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे। उक्त प्रकरण में खण्ड विकास अधिकारी पनियरा, महराजगंज को जांच अधिकारी नामित किया जाता है।

इसके बाद इनको पंचायती राज कार्यालय में संबद्ध करते हुए उनके द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच बीडीओ पनियरा को सौंप दिया गया है।

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