नेपाल और सोनौली बार्डर से विना परमिट चल रही बसों की अब खैर नहीं – विनय कुमार सिंह एआरटीओ महराजगंज
सुरक्षा एजेंसियों की मिली भगत से इन्हीं बसों से हो रही है बड़े पैमाने तस्करी – सूत्र
सार
परिवहन विभाग डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए अभियान चला रहा हैं। परिवहन विभाग की तरफ से रविवार को गोरखपुर में जहां सात डग्गामार वाहनों को सीज किया गया वहीं सोमवार को रात 11 बजे सोनौली से दिल्ली तक विना परमिट के चलने वाली नेपाली यात्रियों से भरी पांच बसों को सीज किया गया है।
मनोज कुमार त्रिपाठी
सोनौली/ महराजगंज! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए कड़े निर्देश के बाद परिवहन विभाग डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए अभियान चला रहा हैं। परिवहन विभाग की तरफ से रविवार को गोरखपुर में जहां सात डग्गामार वाहनों को सीज किया गया वहीं सोनौली बार्डर पर सोनौली से दिल्ली तक विना परमिट की चल रहीं नेपाली यात्रियों से भरी पांच बसों को परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा सीज कर दिया गया है।
गोरखपुर के एआरटीओ प्रवर्तन नरेंद्र यादव के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन स्थिति महराणा प्रताप की मूर्ति से रोडवेज बस स्टेशन सवारी बैठा रहे डग्गामार बस, पांच कार व एक टैक्सी को सीज किया है।
शहर व बाहर सड़कों पर डग्गामार बसें खड़ी रहती हैं। रात के बाद सुबह वह मौका देखकर सड़कों पर अवैध तरीके से सवारी भी भर लेती हैं। जिस पर लगाम नहीं लग पा रही है।
डग्गामार बसों की सहायता के लिए बकायदा एक व्यक्ति विभिन्न बस स्टेशनों पर खड़े रहकर बाहर से आने वाली बसों के बारे में जानकारी रखता है, जिसके बाद वह जानकारी बस को देता है। डग्गामार बस चालक तत्काल उस जगह पर पहुंचकर सवारी भर लेता है, जहां दिल्ली, कानपुर से बसें आती हैं।
रात भर शहर के नौसढ़, कुनरा घाट, जेल बाई पास, बरगदवा की सड़कों पर बसें खड़ी देखी जा सकती हैं। एआरटीओ प्रवर्तन नरेंद्र यादव ने बताया कि डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस पर लगाम जल्द ही लगा दी जाएगी।
वहीं सोनौली में रात 11 बजे महराजगंज के एआरटीओ विनय कुमार सिंह ने अचानक छापा मारा और सोनौली बार्डर से दिल्ली जा रही नेपाली यात्रियों से भरी विना परमिट के चल रही पांच बसों को सीज कर दिया।
बता दें कि बीते दिनों कन्नौज में हुई भीषण बस दुर्घटना में 18 यात्रियों की मौत के बाद सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट तौर बेहद कड़े निर्देश देकर प्रदेश में चल रही बसों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसी के क्रम में पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के अधिकारी सड़क पर उतर गये हैं और जगह-जगह जांच अभियान की प्रक्रिया चल रही है।
रविवार और सोमवार को गोरखपुर से लेकर सोनौली बार्डर तक अब तक विना परमिट की चल रही 12 बसों को सीज कर दिया गया है।
बता दें कि सोनौली में बस डीपो भी है। जहां गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी,आगरा, कानपुर,जयपुर (राजस्थान) दिल्ली, बिहार समेत कई बड़े शहरों तक परिवहन विभाग की बसों का संचालन होता है। परन्तु निजी बस मालिकों और टैक्सी मालिकों द्वारा विना परमिट के वाहनों के निर्वाध संचालन से परिवहन विभाग को प्रतिमाह करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इतना ही नहीं नेपाल की बसें भी तीर्थयात्रियों के नाम पर परमिट बनवा कर यात्री ढोने का काम कर रही हैं। यह सब जानते हुए भी जिम्मेदार अधिकारी इसे पकड़ने की जहमत नहीं उठाना चाहते। सोनौली बार्डर पर लगभग आधा दर्जन ऐसे दलाल हैं जो पुलिस और एआरटीओ की मिली भगत से इन गाड़ियों के संचालन में अपनी महती भूमिका निभाते हैं। सोनौली सीमा पर दो दर्जन से अधिक निजी चार पहिया छोटे वाहनों का संचालन बेधड़क होता जिसे सभी जानते हैं। इन निजी गाड़ियों में पुलिस और प्रेस से लेकर तमाम तमाम स्टीकर लगे रहते हैं।
सूत्र बताते हैं कि सोनौली से दिल्ली तक विना परमिट चलने वाली बसों से इन दिनों बड़े पैमाने पर तस्करी भी हो रही जिसका पहला स्टापेज जुगियाबारी चौक है जहां तस्कर बसों से सामान उतार कर रातों-रात नेपाल पहुंचा देते हैं। वहीं दूसरी तरफ सोनौली के अनाधिकृत पार्किंग में जब गाड़ियां पहुंचती हैं तो वहां भी तस्करी का सामान उतार कर तस्कर अपने कैरियरों द्वारा रातों-रात नेपाल पहुंचा देते हैं। तस्करों के इस कारनामें से भारतीय राजस्व का ही नहीं नेपाली राजस्व का हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।