हर्षोदय टाइम्स/अर्जुन चौधरी
सिसवा बाजार/महराजगंज- जनपद महराजगंज के सिसवा नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों के मनमाने व्यवहार से इन दिनों आम जनता बहुत परेशान है। कही टूटी सड़कें तो कही महामारी को दावत देती टूटी नालियां जिनके कीड़े की वजह से इन दिनों जहरीले सांप भी दिखाई दे रहे है।
सिसवा नगर में एक मोहल्ला है अमरपुरवा, यहां एक विमलेश देवी शिशु विद्यालय है जहां 500 के लगभग छात्र पढ़ने आते है। लेकिन यहां सड़क की हालत इतनी जर्जर है कि आए दिन छात्र व नागरिक गिरकर चोटिल होते रहते है। इसकी 20 वर्ष पहले बनी सड़क व नालियां इतनी खराब स्थिति में है कि सारा पानी एक जगह इकट्ठा हो रहा है जिससे लोगो के मकान गिरने का डर है।
इस बाबत नगर पालिका में कई बार यहां के लोग गए, लिखित शिकायत भी की लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुआ। ऐसा लग रहा है कि नगरपालिका किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रही है। यहां के लोग 200 मीटर की दूरी से बास के सहारे बिजली लिए है जिनमे से रोज चिंगारी निकलती है। जिससे आने वाले समय में बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले पांच वर्षों से यहां विद्युत पोल लग रहा है लेकिन अबतक लगा नही है। इन कर्मचारियों के मनमानी व्यवहार का एक उदाहरण सिसवा में ही वार्ड नं 25 मीरा बाई नगर में देखने को मिला जहां ईओ व अधिकृत अधिकारी के लिखित आदेश के बिना ही नगर पालिका के मोती लाल भारती अपनी पूरी टीम के साथ विगत दिन सतीश कुमार मिश्र के घर का ईट गाड़ी में भरकर उठा लाए। इस घटना के बाद जब पत्रकार ने ईओ से मोबाइल फोन पर बात की तो वे लखनऊ में थे तथा नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष प्रतिनिधि के मोबाइल पर कई बार फोन करने के बाद भी रिसीव नहीं हो रहा था।
इस बाबत मोतीलाल भारती सहित ये कर्मचारी पत्रकार के पूछने पर उसके साथ दुर्व्यवहार भी किए। शिकायत पत्र दिखाए बिना एक व्यक्ति से मोटी रकम को लेकर सतीश व उनके छोटे मासूम बेटे व पत्नी को भी भला बुरा कहा और अपनी रोब दिखाकर यह कहते हुए धकेल दिया कि हम ही यहां के प्रशासन, जज और सबकुछ है। मेरी सेवा कीजिये तभी यहां रह पाएंगे क्योंकि एक व्यक्ति से मोटी रकम लेकर ये लोग अपमानित ही करने आए थे।
उपरोक्त क्रिया कलाप का क्या अर्थ है ये बताते की जरूरत नहीं है। इन कर्मचारियों की मनमानी इस तरह के मामलों में आए दिन देखने को मिलती है। नगर के लोग अपनी समस्या लेकर नगर पालिका कार्यालय जाते है लेकिन वहां बैठे कर्मचारी उस समस्या के समाधान के बजाय लोगों को परेशान करते है। अब देखना यह है कि नगर पालिका के जिम्मेदार लोग आगे क्या करते हैं।