गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्ला खान प्रधान गोरखपुर में इटावा सफारी पार्क इटावा से प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव संजय श्रीवास्तव के निर्देश तथा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के उपरांत दो बब्बर शेर पहुंच गए।
इटावा सफारी से रात में लगभग 9:00 बजे इन दोनों बब्बर शेरों को ट्रैकों पर लौटकर यात्रा प्रारंभ की गई गर्मी अधिक होने के कारण इनके ट्रैकों पर खस की चटाई सहित पंखे का इंतजाम किया गया था जिससे कि रास्ते में इनको गर्मी ना लगे। यात्रा के दौरान ट्रक पर लगे खस की चटाई पर पानी डालकर भिगोया जाता रहा।
डॉ योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि रास्ते में लगभग 2 घंटे की यात्रा पूरी करने पर ट्रैकों को रोक कर बब्बर शेरों के स्वास्थ्य एवं उनके कुशलता की निगरानी किया जाता रहा, इनको रास्ते में पीने का पानी जिसमें इलेक्ट्रोलाइट मिलाया गया था साथ-साथ खाने के लिए मीट भी दिया गया।
यात्रा में समय लगना स्वाभाविक था ऐसे में जब बब्बर शेरों को लेकर डर योगेश की टीम गोरखपुर के सीमा में प्रवेश की तो पूर्व से की गई तैयारी के अनुसार एसपी सिटी, कृष्ण कुमार बिश्नोई के द्वारा नौसड़ से गोरखपुर चिड़ियाघर वाया पैडलेगंज तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया जिससे कि रास्ते में कहीं भी बब्बर शेरों की गाड़ी ना रुके और उनको गर्मी ना लगे तथा उनका तनाव कम रखा जा सके ।
गर्मी को देखते हुए प्राणी ध्यान गोरखपुर में भी तमाम इंतजाम किए हुए थे जिससे कि वन्यजीवों को तत्काल ट्रक से उतार कर उनको बाड़े में सुरक्षित पहुंचाया गया। डॉ योगेश ने बताया कि अभी दोनों बब्बर शेर तनाव में है परंतु पूरी तरह स्वस्थ हैं उनको पानी और खाना दिया गया है किसी भी प्रकार से उनको डिस्टर्ब नहीं किया जा रहा है।
निदेशक प्राणी उद्यान विकास यादव ने बताया इटावा से लंबी दूरी के कारण वन्य जीवों को लाने में अधिक समय लगा परंतु टीम ने अपने कार्य को बहुत ही कुशलता से किया और बब्बर शेरों कोष कुशल प्राण विज्ञान तक पहुंचाया।



 
	 
						 
						