राम और रावण के मंचन का लोगों को बेसब्री से इंतज़ार।
गुरुवार को बसंतपुर क्षेत्र का पहला मेला।
हर्षोदय टाइम्स/ विमलेश कुमार पाण्डेय
घुघली/महराजगंज। दशहरे के अवसर पर घुघली विकास खंड के ग्रामसभा बसंतपुर में गुरुवार से क्षेत्र की पहली रामलीला का शुभारंभ होने जा रहा है। ग्रामीणों के उत्साह और सहयोग से सजाए गए इस मंचन का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
खास बात यह है कि रामलीला की शुरुआत श्रीवास्तव परिवार से निकलकर राम, लक्ष्मण, रावण आदि पात्रों के रूप में कलाकारों के मैदान तक पहुंचने से होती है। इस अनोखे दृश्य को देखने के लिए आसपास के गांवों से भारी भीड़ जुटती है।
स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि इस रामलीला की परंपरा अंग्रेजी शासनकाल से जुड़ी है। इसकी नींव स्व. तुलसी लाल श्रीवास्तव ने रखी थी, जिसे आगे बढ़ाने में स्व. बृजकिशोर लाल श्रीवास्तव, स्व. बृजनारायण श्रीवास्तव और स्व. बरकत अली का विशेष योगदान रहा। बरकत अली ने वर्षों तक हरमोनियम बजाकर रामचरितमानस की चौपाइयों से समाज में सौहार्द का संदेश दिया।
कभी इस रामलीला की गूंज पूरे इलाके में होती थी और हजारों लोग इसे देखने उमड़ते थे। समय के साथ रौनक कम हुई, मगर आज भी युवाओं की पहल और ग्रामीणों के सहयोग से परंपरा जीवित है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष सतीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधान पति सिद्धार्थ सिंह के सहयोग से रामलीला का मंचन हर साल सफलतापूर्वक होता है। इस बार भी 2 अक्टूबर की दोपहर कलाकार अपने-अपने चरित्र में सजकर श्रीवास्तव परिवार से मैदान तक पहुंचेंगे। वहां राम-रावण युद्ध का मंचन होगा और मेले का उत्साह चरम पर पहुंचेगा।
क्षेत्र के बरगदवा माधोपुर, बासपार मिश्र, मटकोपा और बारीगांव में भी रामलीला का आयोजन होगा। वहीं, बसंतपुर स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है, जहां श्रद्धालु लगातार दर्शन कर रहे हैं।
