हर्षोदय टाइम्स / धर्म डेस्क
महाराजगंज : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल की महादशा के बाद राहु की महादशा आती है, जिसकी अवधि पूरे 18 वर्षों की होती है। कहा जाता है कि इसके प्रभाव जीवन में अचानक बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। खास बात यह है कि राहु की महादशा शुरू होने के 6 महीने से एक साल पहले ही व्यक्ति इसके लक्षण महसूस करने लगता है।
कई लोग राहु की महादशा को अशुभ मानते हैं और इससे भयभीत रहते हैं, लेकिन ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यदि राहु जन्मकुंडली में शुभ स्थान पर हो तो यह व्यक्ति को धन, दौलत, मान-सम्मान और रुतबा भी प्रदान करता है। वहीं राहु अशुभ होने पर जीवन में उतार-चढ़ाव, विवाद और संकट ला सकता है।
राहु महादशा के संभावित लक्षण
सपनों में बार-बार सांप दिखाई देना।
भोजन में अचानक कंकड़ या बाल मिलना।
मांसाहार और नशे की ओर झुकाव बढ़ना।
चोरी, लूट या विवाद का भय।
परिचित लोगों की असलियत सामने आना।
जुआ, शराब और लॉटरी जैसी प्रवृत्तियों में रुचि।
राहु को प्रसन्न करने के उपाय
ज्योतिषाचार्य डॉ. धनंजय मणि त्रिपाठी के अनुसार, राहु की महादशा में घबराने की आवश्यकता नहीं है। यदि नियमित रूप से राहु बीज मंत्र “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:” का जप किया जाए और साथ ही काल भैरव, महाकाल व माता सरस्वती की पूजा की जाए तो दुष्प्रभाव काफी हद तक कम हो सकते हैं।
लाल किताब के अनुसार उपाय
1. बहते जल में नारियल प्रवाहित करें।
2. चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें।
3. आटे की गोलियां बनाकर तालाब या नदी में डालें।
4. शनिवार को तेल भरे लोहे के कटोरे में चेहरा देखकर दान करें।
5. गणपति की नियमित पूजा करें।
6. घर साफ-सुथरा रखें, विशेषकर बाथरूम।
7. बुधवार व शनिवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
8. इन दिनों में नीले कपड़े से बचें।
9. धर्म-कर्म में सक्रिय रहें।
10. गरीबों को काला-सफेद चेक वाला कंबल दान करें।
विशेषज्ञों का कहना है कि राहु देव हमेशा बुरे फल नहीं देते। यदि शुभ स्थिति में हों तो यही राहु किसी साधारण व्यक्ति को मान-सम्मान, प्रसिद्धि और अपार संपत्ति तक पहुंचा सकता है।

संपर्क: एस्ट्रो आचार्य डॉ. धनंजय मणि त्रिपाठी, 8115557778