- पूरे कुशीनगर जिले में फर्जी अस्पतालों एवं झोलाछाप डाक्टरों की भरमार, जांच के नाम पर अधिकारी काट रहे मलाई
- अबैध हास्पीटलों पर कार्यवाही के नाम पर सरकार के मंत्री और अधिकारी धनादोहन में लिप्त : राधेश्याम सिंह, पूर्व मंत्री
हर्षोदय टाइम्स/अजय कुमार पाठक
कुशीनगर । पेट दर्द की शिकायत लेकर कोटवा के न्यू लाइफ केयर अस्पताल पहुंचे रोगी को फर्जी अस्पताल संचालित करने वाले झोलाछाप डाॅक्टर ने पथरी बताते हुए आपरेशन की सलाह दी। अस्पताल संचालकों ने विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक के बिना खुद ही आपरेशन कर पथरी की बजाय मरीज का गुर्दा (किडनी) निकाल लिया। पीजीआइ लखनऊ में जांच के दौरान किडनी निकालने की जानकारी हुई। स्वस्थ होने के बाद पीड़ित ने अस्पताल संचालकों के विरुद्ध नेबुआ नौरंगिया थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
पीड़ित रामपुर खुर्द गांव के उपाध्याय टोला में रहने वाले 35 वर्षीय अलाउद्दीन ने बताया कि 14 अप्रैल 2025 को पेट में दर्द की शिकायत लेकर वह न्यू लाइफ केयर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल संचालक इमामुद्दीन और तार मोहम्मद ने बायीं किडनी में 17 एमएम की पथरी होने की बात कहते हुए आपरेशन के लिए भर्ती कर लिया। आपरेशन के बाद मई में उनको पेशाब में खून आने की शिकायत होने लगी। कुछ दिन बाद हालत बिगड़ने पर फिर न्यू लाइफ केयर अस्पताल में दिखाया तो उन्हें दूसरे अस्पताल जाने को कह दिया
सर्जरी के बाद हुए अल्ट्रासाउंड में सामने आया मामला
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर शुरू हुई मामले की जांच। इसके बाद वह पीजीआइ, लखनऊ चले गए। 25 मई को अल्ट्रासाउंड में बाईं किडनी गायब होने की जानकारी मिली। तब से वह पीजीआइ में ही इलाज करा रहे थे। तबीयत सुधरने पर सोमवार को अलाउद्दीन ने एसपी संतोष कुमार मिश्र से मिलकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
सीओ खडडा बसंत कुमार सिंह व थानाध्यक्ष नेबुआ नौरंगिया दीपक सिंह ने न्यू लाइफ केयर अस्पताल में पहुंचकर मामले की जांच की। तहरीर के आधार पर मंगलवार की रात मुकदमा दर्ज कर लिया। थानाध्यक्ष दीपक सिंह ने बताया कि मामले की गहनता से जांच होगी और आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किडनी निकालने का यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बारे में पूछे जाने पर प्रभारी सीएमओ डा. बृजनंदन ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। शिकायती पत्र मिलने पर जांच कराएंगे।

इस संदर्भ में सपा के पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि कुशीनगर में यह पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी तमाम जगहों से झोलाछाप डाक्टर और फर्जी अस्पतालों की खबर छपती रहती है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस सरकार के भष्टाचार में इतने संलिप्त है कि लेनदेन करके मामले को दबा देते है। कुशीनगर जिले के गांव – गांव में झोलाछाप डाक्टरों का जाल फैला है। सरकारी अस्पताल पर डाक्टर मौजूद नहीं रहते, दवाई नहीं मिलती है, ऐसे में गरीब जाए तो जाए कहां? अवैध हास्पीटल के नाम पर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर रहा विभाग सरकार की सख्ती के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के पास कोई सरकारी डाटा, आखिर क्यों उपलब्ध नहीं है ? उन्होंने कहा कि यदि पीड़ित को मुआवजा नहीं मिला तो न्याय के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुशीनगर कार्यालय का घेराव होगा।

