शनिवार को श्रवण नक्षत्र व शनि का त्रियोग देगा विशेष फल
हर्षोदय टाइम्स /विवेक कुमार पाण्डेय
भिटौली/महराजगंज – सनातन धर्म में रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधकर उनके लंबे जीवन और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, और भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया था। इसके अतिरिक्त भगवान श्रीकृष्ण ने भी द्रौपदी की रक्षा का वचन निभाया था जब उसने उन्हें राखी बांधी थी। इन्हीं घटनाओं के स्मरण में यह पर्व प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।
इस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त को है, और इस दिन पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहेगा।श्री दुर्गा जी उमा शंकर संस्कृत विद्यापीठ के प्रधानाचार्य पंडित रविन्द्र नाथ पाण्डेय(ज्योतिषाचार्य) के अनुसार, यह संयोग वर्षों बाद आया है, जब बहनें दिनभर राखी बांध सकती हैं। शुभ योग सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:23 बजे तक रहेगा, जो अत्यंत उत्तम माना गया है।
इस दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा मकर राशि में स्थित होगा। शनिवार को शनिदेव का दिन होने के कारण, शनि, श्रवण नक्षत्र और शनि वार का यह त्रियोग बहुत ही लाभकारी माना जा रहा है। यह संयोग भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत तथा शुभफलदायक बनाएगा।
इस शुभ दिन पर बहन को भाई की कलाई पर राखी बांधने के साथ-साथ वस्त्र या अन्य उपहारों का दान भी करना चाहिए। इससे दोनों को जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
हर्षोदय टाइम्स परिवार की ओर से समस्त पाठकों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।

