बाइक चोरों के गिरोह को जीआरपी ने दबोचा, छ मोटरसाइकिल बरामद

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

  • नंबर प्लेट बदल कर बेंच देते थे मोटरसाइकिल
  • खरीदारों की तलाश करेगी जीआरपी


गोरखपुर (हर्षोदय टाइम्स) । गोरखपुर राजकीय रेलवे पुलिस  ने मोटरसाइकिल चोरों के एक शातिर गिरोह को पकड़ा हैं। जो चोरी के बाद मोटरसाइकिल को ले जाकर कबाड़ा में छुपा देता था। उसके बाद उसे बेचने के लिए कस्टमर खोजने लगते थे। कस्टमर मिले तो नंबर प्लेट बदलकर बाइक बेच देते थे नहीं मिले तो उसके पार्ट अलग कर मैकेनिक को दे देते थे। चोरों ने कबूल किया कि नेपाल तक उन्होंने बाइक बेची है।

राजकीय रेलवे पुलिस गोरखपुर ने मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार किया। उनके पास से 6 बाइक बरामद की गई है। तीनों चोर 20 से 22 साल के हैं। टीम को सूचना मिली थी कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नबर 9 की ओर कुछ लोग एकत्रित हैं। जांच करने पर वहां मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर के पास तीन चोरों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उनकी पहचान आशीष सोनकर पुत्र सेवालाल, शिवेंद्र जायसवाल पुत्र ओमप्राकश, बिट्‌टू सोनकर पुत्रमेवालाल के रूप में हुई। तीनों चौरी चौरा थानाक्षेत्र के निवासी हैं।


पूछताछ में उन्होंने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर में रखे कूड़े में छिपाकर रखी बाइक के बारे में बताया। जीआरपी ने वहां से 6 बाइक बरामद कर ली। बाइक चोरों ने बताया कि वे रात में बाइक छिपाते थे। उसके बाद ग्राहक मिलने पर नंबर प्लेट बदलकर उसे बेच देते थे। इसमें से दो बाइक रेलवे स्टेशन परिसर से तो एक देवरिया कोतवाली क्षेत्र से चोरी हुई थी। तीन बाइक की पहचान की जा रही है।

चोर रेलवे स्टेशन परिसर एवं अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों से बाइक चुराते थे। बाइक चुराने के बाद वे कबाड़ के भीतर छुपा देते थे। पुलिस सड़क पर चेकिंग करती थी। आमतौर पर रेलवे की पार्किंग में भी जांच की जाती है। लेकिन कबाड़ पर किसी का ध्यान नहीं जाता था। इस बीच वे ग्राहक की तलाश करते थे। ग्राहक मिलने पर उसे औने-पौने दाम पर बाइक बेच देते थे। बाइक बेचने से पहले नंबर प्लेट चेंज करते थे।

पूछताछ में अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि चोरी की बाइक से वे छोटे-छोटे अपराध भी करते थे। लोगों को डराने के लिए अपने पास तमंचा भी रखते थे। जीआरपी ने उनके पास से तमंचा व जिंदा कारतूस भी बरामद किया है। चोरी के समय पकड़े जाने का भय होने पर तमंचा दिखाकर वे वहां से निकलते थे। सुदूर क्षेत्रों में कस्टमर खोजने पर रहता था जोर
बाइक चोरों ने बताया कि उनका जोर सुदूर क्षेत्रों में कस्टमर खोजने पर रहता था। वहां कागज के बिना आसानी से बाइक बिक जाती है। मंगलवार को भी वे चोरी की बाइक निकालकर बेचन की फिराक में थे। जब ग्राहक नहीं मिलते थे तो पार्ट बेचते थे।

चोरों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने नेपाल के लोगों को भी बाइक बेची है। यदि उन्हें ग्राहक नहीं मिलते थे तो वे बाइक मैकेनिकों को पार्ट बेचते थे। इंजन, टायर व अन्य पार्ट आसानी से बिक जाते थे। जीआरपी उनसे ऐसे बाइक मैकेनिकों के नाम पूछ रही है, जिनसे उनका संपर्क था। इसी तरह अब तक कितनी बाइक बेच चुके हैं, इस मामले में भी पूछताछ की जा रही है।


मुख्य अभियुक्त आशीष सोनकर ने कक्षा 9 तक पढ़ाई की है। शिवेंद्र जायसवाल हाई स्कूल क पढ़ा है तो बिट्‌टू सोनकर ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। शिवेंद्र ने बताया कि वह पहले आरटीओ कार्यालय के पास चाय की दुकान लगाता था। तीनों पिछले 4 महीने से बाइक चुरा रहे हैं। रेलवे स्टेशन परिसर व भीड़भाड़ वाले अन्य स्थानों पर उनकी नजर होती है। बाइक बेचकर जो पैसा मिलता है, उससे वे अपना खर्च चलाते हैं। तीनों पर पहले से केस दर्ज हैं।

चोरों के गिरोह के पकड़े जाने के बारे में जानकारी देते हुए एसपी जीआरपी संदीप कुमार मीना ने बताया कि पूछताछ के आधार पर उन लोगों की पहचान भी की जाएगी, जिन्होंने बाइक खरीदी है। इसके साथ ही उनके संपर्क में कौन मैकेनिक हैं, उनकी जानकारी भी जुटाई जा रही है।

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