पूर्वी उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के लिए शैक्षणिक साझेदारी के एक नए युग की शुरुआत
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा जहां गोवि की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन के नेतृत्व में पूर्वांचल के पांच राज्य विश्वविद्यालयों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन में 13 समझौता ज्ञापन पर पूर्वांचल क्षेत्र के पांच विश्वविद्यालयों के कुलपति द्वारा हस्ताक्षर किया गया।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के कमेटी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर के कुलपति प्रो ए के सिंह, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर की कुलपति प्रो कविता शाह, मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय, गोरखपुर के कुलपति प्रो जेपी सैनी तथा जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रो संजीत गुप्ता ने अपने विश्वविद्यालय की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा कि यह अनूठा सहयोग पूर्वी उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के लिए शैक्षणिक साझेदारी और समन्वय के एक नए युग की शुरुआत करता है।
विश्वविद्यालयों के बीच संपन्न हुए समझौता ज्ञापन का उद्देश्य आपस में शैक्षणिक सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही एमओयू का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के बीच शैक्षणिक गतिविधियों और अनुसंधान पहलों को प्रोत्साहित करना है और छात्रों तथा शिक्षकों के आदान-प्रदान, इंटर्नशिप और संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रमों को सुगम बनाना है। एमओयू का उद्देश्य विभिन्न शैक्षणिक विषयों में स्थायी और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियां विकसित करना भी है।
क्लस्टर एमओयू की सराहना करते हुए सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर कविता शाह ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा ली गई अनूठी पहल है। 75 वर्ष से स्थापित गोरखपुर विश्वविद्यालय के अनुभव के साथ हम नए विश्वविद्यालय मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म दर्शन पर कार्य कर रहा है इस क्षेत्र में हम सब मिलकर शैक्षणिक एवं शोध में सहयोग कर सकते हैं।
एमएमयूटी के कुलपति प्रोफेसर जेपी सैनी ने कहा कि बाकी सारे विश्वविद्यालय कंसल्टेंसी के क्षेत्र में उनसे सहयोग ले सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने जॉइंट पब्लिकेशन और पेटेंट को बढ़ावा देने पर जोड़ दिया।
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ए के सिंह ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय मिलकर गोद लिए गए गांवों में शिक्षा और चिकित्सा दोनों को पहुंचकर सामाजिक सरोकार निभाएं।
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रो संजीत गुप्ता ने कहा की महामहिम कुलाधिपति का भी यही संदेश है कि सभी विश्वविद्यालय को साथ मिलकर आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनके विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई ऐसे बहुत पुराने महाविद्यालय हैं जहां पर कृषि पढ़ाई जाती रही है। हम सब कृषि के क्षेत्र में व्यापन सहयोग कर सकते है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा, ये समझौते हमारे साझेदारी का विस्तार करने, शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावकारी सहयोग को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता में एक मील का पत्थर हैं। इन साझेदारियों के माध्यम से विश्वविद्यालय शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हुए हैं। इससे पूरे क्षेत्र में शोध और शिक्षण को बढ़ावा मिलेगा। कुलपति ने कहा कि कोर्स डिजाइन से लेकर रिसर्च कोलैबोरेशन में एक दूसरे का सहयोग लिया जाएगा।हमें विश्वास है कि ये सहयोग अनुसंधान, शिक्षण और सीखने में उल्लेखनीय प्रगति की ओर ले जाएंगे, जिससे न केवल हमारे संस्थान बल्कि पूरे क्षेत्र को लाभ होगा। यह पहल पूर्वी उत्तर प्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य को बदलने और वैश्विक शैक्षणिक समुदाय में योगदान करने के प्रति इन संस्थानों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में सभी पांच विश्वविद्यालय के अधिकारीगण तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय के अधिष्ठातागण एवं रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के निदेशक, प्रवेश सेल के निदेशक, इंटरनेशनल सेल के निदेशक मौजूद रहे।
