उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स)! भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित सुस्ता गांव पर पड़ोसी देश पूरी तरह कब्जा करने जा रहा है। यह गांव कभी भारतीय सीमा में था। 50 साल पहले आई बाढ़ से यह क्षेत्र गंडक नदी के उस पार चला गया और विवाद खड़ा हो गया, फिर नेपाल ने इस पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया। अब राज्य बदलकर नेपाल इस विवादित गांव को पूरी तरह कब्जाने की तैयारी में है। नए वित्तीय वर्ष में सुस्ता को हथियाने के लिए पूरा का पूरा त्रिवेणी नगर पालिका क्षेत्र का राज्य ही बदल जाएगा। त्रिवेणी को गंडकी प्रदेश से निकालकर लुंबिनी प्रदेश में शामिल करने की योजना पर नेपाल ने काम करना शुरू कर दिया है।
त्रिवेणी को सुस्ता सहित लुंबिनी में शामिल करने का फैसला नेपाल के नवलपरासी जिले के परासी में समन्वय समिति की सातवीं बैठक में लिया गया। जिला समन्वय समिति के प्रमुख भगवान यादव ने बताया कि नवलपरासी जिले का विभाजन हुआ था, तब त्रिवेणी को गंडकी प्रदेश में शामिल किया गया था। सुस्ता के साथ ही त्रिवेणी के सभी वार्डों को गंडकी प्रदेश से अब लुंबिनी प्रदेश में शामिल कर दिया जाएगा। क्षेत्र संख्या दो के सांसद शशांक का कहना है कि त्रिवेणी धाम की भौगोलिक बनावट के कारण यहां के लोगों को मुख्यालय में जाने में काफी दूरी तय करनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए राज्य बदला जा रहा है।
बुद्ध सर्किट से जोड़ने की दिशा में होगी पहल
नेपाल त्रिवेणी धाम को गंडकी से लुंबिनी प्रदेश में शामिल करने के बाद उसे बुद्ध सर्किट से जोड़ने की दिशा में काम करेगा। पूर्व में त्रिवेणी से वाल्मीकि आश्रम को जोड़ने के लिए पड़ोसी देश केबल ब्रिज बना चुका है।
गंडक नदी तय करती है भारत-नेपाल की सीमा
दरअसल, भारत और नेपाल की सीमा को गंडक नदी तय करती है। करीब पांच दशक पहले तक सुस्ता, नरसहिया समेत आसपास के गांव भारतीय क्षेत्र में थे। गंडक नदी इन गावों के दूसरी तरफ बहती थी। 50 साल पहले गंडक नदी में बाढ़ आई और नदी में कटान शुरू हो गया। नदी ने अपना रास्ता बदल दिया और भारतीय क्षेत्र की ओर बढ़ने लगी। इससे भारतीय क्षेत्र नदी के उस पार चला गया। वहां की जमीन पर नेपाल ने अधिकार बढ़ाना शुरू कर दिया। इससे विवादित सुस्ता गांव पर भी नेपाल का कब्जा हो गया।