आशा कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में की नारेबाजी

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तहसीलदार से पूछा, ज्ञापन का क्यों नहीं मिलता जबाब

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज:आशा कार्यकर्त्रियां मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेट पहुंच कर नारेबाजी की। आशाओं ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के लिए उनका मशीन की तरह इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन उनकी समस्याओं
के समाधान पर शासन व प्रशासन गंभीर नहीं है। ज्ञापन लेने आए तहसीलदार सदर अमित कुमार सिंह को मांग पत्र सौंपते हुए आशा कार्यकर्त्रियां बोलीं कि समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलास्तरीय अधिकारियों को कई बार सौंपा जा चुका है, लेकिन एक बार ही किसी ज्ञापन को लेकर जवाब नहीं आया।


आप लोग ज्ञापन भेजते भी हैं या नहीं। इस पर तहसीलदार ने कहा सभी मांग पत्र को मूल स्वरूप में भेजा जाता है। आपका मांगपत्र भी भेजा जाएगा। आप लोक पत्रांक संख्या लेकर जांच-पड़ताल कर सकती हैं। आशा कार्यकत्री एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष जमीरुन्निशा ने आशा कार्यकत्री व आशा संगिनी को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। काम के बदले निश्चित मानदेय के रूप में 18 हजार रुपये का भुगतान हो। सभी आशा कार्यकत्री और संगिनी का सपरिवार आयुष्मान कार्ड बनवाया जाए। दस लाख दुर्घटना करने के साथ बीमा प्रमाण पत्र भी दिया जाए। मृत्यु के बाद आश्रितों को नौकरी दी जाए।

जिलाध्यक्ष जमीरुन्निशा ने बताया कि कुछ राज्यों में आशा कार्यकत्रियों को निश्चित मानदेय भी दिया जा रहा है। प्रदेश में आशा कार्यकत्री व संगिनी का भरण पोषण करना दुश्वारियों भरा हो गया है। इस मौके पर रीता तिवारी, साधना मिश्रा, सुमन निषाद, श्वेता भारती, रिंकल पटेल, उर्मिला देवी, बिन्द्रावती, पूजा, शीला, रीमा सिंह, जूही, प्रियंका, प्रमिला, रेनू पांडेय, सुनीता देवी, हेवंती आदि आशा कार्यकत्री मौजूद रहीं।

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