वन दरोगा प्रेम लाल यादव पर माफियाओं से मिलीभगत, जंगल की संपदा पर संकट
हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो महराजगंज
महराजगंज।सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में है। अचलगढ़ बीट में तैनात वन दरोगा प्रेम लाल यादव पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और वन माफियाओं से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि अपने पैतृक गांव के नजदीक होने का फायदा उठाकर यादव कीमती साखू और सागौन की लकड़ियों की अवैध कटाई और तस्करी में वन माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, रातों-रात काटी जा रही लकड़ियां नजदीकी आरा मशीनों तक बिना किसी रोक-टोक के पहुंचाई जा रही हैं। इस पूरे खेल में वन विभाग के भीतर बैठे कुछ लोगों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी मामले को दबाने में जुटे हैं, जबकि जंगलों की हरियाली तेजी से खत्म हो रही है।
गौरतलब है कि प्रेम लाल यादव के राजनीतिक संबंध भी चर्चा में हैं। समाजवादी पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं से करीबी होने की बात सामने आई है। यही नहीं, पूर्व में मधवलिया रेंज में तैनाती के दौरान उन पर एक महिला से छेड़छाड़ और अनुशासनहीनता के आरोप भी लग चुके हैं।
जनशिकायत से उठे गंभीर सवाल
इस बीच, शरीफ खान पुत्र सुनीम, निवासी ग्राम कोट कम्हरिया, ब्लॉक लक्ष्मीपुर, तहसील नौतनवां, जनपद महराजगंज ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (संदर्भ संख्या 40018725023783) के माध्यम से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं और वन संपदा की अवैध कटाई का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने शासन से मांग की है कि पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
जनता और सामाजिक संगठनों ने शासन से मांग की है कि इस मामले की गहन जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि वन माफियाओं और भ्रष्ट अफसरों के गठजोड़ पर अंकुश लगाया जा सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो जंगलों की हरियाली कैसे बचेगी?


 
	 
						 
						