सूखे जैसे हालात से किसान परेशान

उत्तर प्रदेश महाराजगंज

वर्ष 2024 के अपेक्षा इस साल जुलाई में कम वर्षा, 363 एमएम कम पानी

जुलाई ने तोड़ा 24 साल का रिकार्ड, जनपद में सूखे जैसे हालात

हर्षोदय टाइम्स/विवेक कुमार पाण्डेय

महराजगंज। 24जुलाई  2025 : वैसे तो पूरे पूर्वर्वांचल में सूखे जैसे हालात हैं। लेकिन महाराजगंज की बात करें यहां जुलाई माह 2025 में पिछले साल 2024 की अपेक्षा 363 एमएम कम बारिश हुई है। इससे महराजगंज में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। बारिश न होने से खेतों में दरार पड़ गया है। खेतों में सूखते धान ने खेत किसानों के चेहरे पर मातम जैसे लकीरें खींच दी है। मानों किस्मत उनसे रुठ गई है। इन्द्रदेव ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया है। यहां बता दें कि खेती के बलबूते जीवन के तमाम ताने बाने वाले किसानों के चेहरे उदास हैं। उनके खेत एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रही है, सावन में बारिश की कोई उम्मीद नहीं है। पम्पिंग सेट के पानी से धान के पौधों को जिलाए रखने में उनकी हिम्मत टूट जा रही है। नहर की सतह नीचे हैं। खेत ऊपर होने से नहर का पानी खेतों में पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी होती है। इससे नहर से थोड़ी दूर पर स्थित खेतों को एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। इससे धान के खेतों में सूखे की हालात बनने शुरू हो गए हैं। यदि तत्काल बारिश नहीं हुई 1,67 लाख हेक्टेयर में लहलहाती धान की फसल का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है। बाल्मीकि नगर बैराज पर भी थम गई रफ्तार : अबकी जुलाई में बाल्मिकी नगर बैराज पर गंडक नदी में पानी की रफ्तार में कमी आई है। बाढ़ कन्ट्रोल रूम के अनुसार जहां 2024 के जुलाई में 440750 क्यूसेक जलस्तर रिकार्ड की गई। वहीं 2025 जुलाई के 22 दिन में महज 109000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने की खबर है।

इस संबंध में उप कृषि निदेशक महराजगंज संजीव कुमार ने बताया कि धान के फसल की बीमा कराएं। बीमा कराने के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि मुकर्रर की गई है। वैसे मौसम का रूख बता रहा है कि जल्द ही बारिश होने की संभावना है।

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