खाद तस्करी पर प्रभावी रोक लगाएं सम्बन्धित विभाग: जिलाधिकारी
महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स)- 02 जुलाई 2025, जिलाधिकारी के निर्देशानुसार दिनाँकः 01 जुलाई 2025 जिला कृषि अधिकारी एस.पी. सिंह द्वारा तहसील-निचलौल में स्थित उर्वरक प्रतिष्ठानों एवं नेपाल बार्डर क्षेत्र का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण का काम देर शाम तक चलता रहा। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि सर्वप्रथम निचलौल तहसील में नेपाल बार्डर से लगती भारत सीमा पर स्थित ग्राम लक्ष्मीपुर खुर्द का निरीक्षण किया गया। वहाँ बार्डर पर तैनात एस०एस०बी० के जवानों से वार्ता कर उर्वरकों की आवाजाही के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। जवानों द्वारा बताया गया कि इस क्षेत्र में बार्डर पर निरंतर निगरानी की जा रही है, ताकि उर्वरकों की तस्करी न होने पाये। लक्ष्मीपुर खुर्द स्थित पुलिस चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा बताया गया पुलिस की गश्त निरंतर जारी है। इस क्षेत्र से नेपाल की ओर जाने वाले हर पगडन्डी पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है, ताकि उर्वरकों की तस्करी न होने पाए। तत्पश्चात ठूठीबारी बार्डर क्षेत्र का निरीक्षण कर वहाँ पर तैनात एस०एस०बी० के जवानों से फीडबैक प्राप्त किया गया। ठूठीबारी में आकस्मिक छापे के दौरान स्टॉक व रेट बोर्ड न होने तथा स्टॉक व बिक्री रजिस्टर न प्रस्तुत करने के कारण मे० साहनी बीज भण्डार ठूंठीबारी, मे० गुप्ता बीज भण्डार ठूंठीबारी व मे० श्याम बीज भण्डार ठूंठीबारी को कारण बताओ नोटिस जारी कराया जा रहा है। निचलौल में आकस्मिक छापे के दौरान मे० क्रय विक्रय सहकारी समिति, पिपरिया बरगदवा, मे० पवन ट्रेडर्स मण्डी रोड, मे० पाल इन्टर प्राइजेज मण्डी रोड, मे० बालाजी ट्रेडिंग कम्पनी मण्डी रोड व मे० हरी ट्रेडर्स आजाद नगर निचलौल अपनी दुकान बन्द कर पलायित हो गये। अतएव इन फर्मों का उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र निलम्बित किया जा रहा है। निरीक्षण के समय यह पाया गया कि कतिपय उर्वरक विक्रेताओं ने अपने दुकान के बाहर अपनी फर्म के नाम का साइन बोर्ड नही लगाया है, जिसके कारण निरीक्षण के समय काफी असुविधा हो रही है। जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वे अपनी दुकान के बाहर सहज दृश्य स्थान पर अपनी फर्म के नाम का साइन बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाना सुनिश्चित करें, जिस पर फर्म का नाम, प्रोपराइटर का नाम, पता व मोबाइल संख्या अनिवार्य रूप से अंकित हो। साथ ही सख्त चेतावनी के साथ सभी विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वे निर्धारित मूल्य पर ही किसानों को उर्वरकों की बिक्री उनकी खतौनी/जोतबही के आधार पर पी०ओ०एस० मशीन से करें तथा किसानों को कैशमेमों अवश्य दें। साथ ही मुख्य उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की जबर्दस्ती टैगिंग कदापि न करें। ध्यान रखें कि यदि किसी भी उर्वरक विक्रेता के द्वारा उपरोक्त निर्देशों का उल्लघंन किया जाता है, तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 व आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत एफ०आई०आर० दर्ज कराते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये वे स्वयं उत्तरदायी होंगे।
जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी का कड़ा निर्देश है कि उर्वरकों की कालाबाजारी/तस्करी करने वालों को कतई बख्शा न जाये और खाद तस्करी पर प्रभावी नकेल सम्बन्धित विभाग सुनिश्चित करें।



