हर्षोदय टाइम्स/विवेक कुमार पाण्डेय
घुघली/ महाराजगंज: एक बेहद दुखद और चिंताजनक घटना में, प्रशासन द्वारा एक गलत सूचना के आधार पर एक बुजुर्ग को थाने में बैठा दिया गया और उनके परिवार पर हमला किया गया। यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है , बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक गलत सूचना पूरे परिवार को प्रभावित कर सकती है।
क्या हुआ था?
एक व्यक्ति ने गलत सूचना दी कि एक व्यक्ति की लाश घर में है। इस सूचना के आधार पर, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और बुजुर्ग को थाने में बैठा दिया। इसके अलावा ग्रामीणों ने भी इस सूचना को सच मानकर घर पर हमला कर दिया और ईंट-पत्थर बरसाए। बच्चों और महिलाओं को बहुत परेशानी हुई। इसके बाद घर की तलाशी ली गई, लेकिन कोई लाश नहीं मिली।
प्रशासन की कार्रवाई
इसके बाद, प्रशासन ने पीड़ित परिवार से कहा कि वह उस व्यक्ति को खोजकर लाएं जिसकी लाश होने की बात कही गई थी। रात भर परेशान होकर, पीड़ित परिवार ने किसी तरह उस व्यक्ति को खोजकर हाजिर किया तब जाकर वे बच पाए।
क्या कार्रवाई होनी चाहिए?
इस मामले में, जो व्यक्ति गलत सूचना दिया था, उसके खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की जांच करे और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करे। इसके अलावा, प्रशासन को चाहिए कि वह पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान करे।
निष्कर्ष
यह घटना प्रशासन की लापरवाही और गलत कार्रवाई का उदाहरण है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में सुधार करे और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कदम उठाए। साथ ही, प्रशासन को चाहिए कि वह ग्रामीणों को समझाए और उन्हें शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रेरित करे।
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