परतावल सीएचसी में मरीजों को मिलेगी राहत
हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
महराजगंज। परतावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सेंट्रल पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की जांच के लिए मशीन और प्रसूताओं के लिए महिला विंग का निर्माण कराया गया है। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
परतावल सीएचसी में रोजाना 250 से 300 की ओपीडी होती है। शासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से महिला विंग में सेंट्रल पैथोलॉजी लैब की स्थापना की है।
लैब में रक्त जांच, पेशाब जांच, ब्लड शुगर, लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी), किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी), यूरिक एसिड, सोडियम पोटैशियम क्लोराइड, ब्लड ग्रुप, सीआरपी और अन्य महत्वपूर्ण पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा मिलेगी। इससे मरीजों को बाहर निजी लैब में जांच कराने की जरूरत नहीं होगी और समय के साथ धन की भी बचत होगी।
प्रसूताओं की सीजर के पहले होने वाले सभी जांचें पहले बाहर कराई जाती थीं, लेकिन अब सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन भी स्थापित की गई है, जिससे गर्भवती महिलाओं को समय पर जांच की सुविधा मिल रही है। सीएचसी के वार्डों को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिया गया है। नए बेड, ऑक्सीजन सुविधा, वेंटिलेशन और अन्य मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता से मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज मिलेगा ।
इमरजेंसी वार्ड शुरू होने से घटी रेफर मरीजों की संख्या
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परतावल में वातानुकूलित इमरजेंसी वार्ड को हाईटेक सुविधाओं से लैस किया गया है। अब यहां गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है। इस वार्ड में तीन बेड की हाईटेक सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक बेड के बीच आधुनिक पर्दे लगाए गए हैं। जिससे मरीजों की निजता बनी रहे। हर बेड पर मॉनिटर और ड्रीप हैंगर की व्यवस्था की गई है। साथ ही ऑक्सीजन पाइपलाइन और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। हृदय रोगियों के लिए वार्ड में ईसीजी मशीन भी लगाई गई है। हृदय की धड़कन रुकने पर शाक देने वाली मशीन डीफिब्रिलेटर भी लगाया गया है। डॉ. दुर्गेश सिंह ने बताया कि इस हाईटेक वार्ड के शुरू होने से इमरजेंसी मरीजों को तुरंत इलाज मिल रहा है और गंभीर परिस्थितियों में उन्हें बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। गंभीर रूप से एक्सीडेंट में घायल मरीज जिनकी सांस का रास्ता बंद हो जाता है, उसके लिए सांस की नली डालने की भी सुविधा की गई है। इमरजेंसी वार्ड में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों को मशीनों के उपयोग के बारे में समझाया गया है। बेहतर इलाज मिलने के कारण रेफर मरीजों की संख्या काफी कम हुई है।
