एआरपी फार्म अग्रसारित कराने के लिए चकरघिन्नी बनाकर बीआरसी पर चक्कर कटवा रहे हैं साहब

उत्तर प्रदेश महाराजगंज

  • शिक्षकों को रास नहीं आ रही एआरपी चयन प्रक्रिया

महराजगंज । परिषदीय स्कूलों के बच्चों को हिदी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान की शिक्षा देने के लिए ब्लॉक स्तर पर एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) का चयन किया जाना है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग में प्रक्रिया चल रही है, लेकिन विभागीय प्रक्रिया शिक्षकों को रास नहीं आ रही है। विभागीय अधिकारियों के रवैये ने खुद ही चयन की पूरी व्यवस्था को संदिग्ध बना दिया है। जिससे शिक्षक परेशान हैं।

जिले में बारह ब्लाक हैं। प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच विषयों के अलग-अलग शिक्षकों का चयन एआरपी में होना है। यह चयनित एआरपी अपने विद्यालय में शिक्षण कार्य करने के साथ ही अन्य स्कूलों में जाकर अपने-अपने विषय को लेकर छात्रों को अलग से शिक्षित करेंगे। इस व्यवस्था का उद्देश्य है कि जहां पर शिक्षकों को किसी विषय में समस्या आ रही है वहां एआरपी पहुंचकर उसका निदान करेंगे।

महराजगंज जनपद में करीब एक सप्ताह पहले एआरपी के चयन के लिए विज्ञप्ति निकाली गई। लेकिन चयन के लिए आवेदन की प्रक्रिया इतनी दुरूह बना दी गई है कि शिक्षक परेशान है। एआरपी आवेदन पत्र पर खण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा अग्रसारित करवाना अनिवार्य है। परंतु खंड शिक्षा अधिकारी तीन बजे के बाद अपने कार्यालय से नदारद मिलते हैं। ऐसे में जिले के तमाम शिक्षक आवेदन करने से चूक जाएगें।

गौरतलब है कि इस बार अभी तक 60 पदों के सापेक्ष केवल 1 शिक्षक का आवेदन कार्यालय में रिसीव हो पाया है। अतिम तिथि 20 फरवरी है ऐसे में एआरपी आवेदन करने के लिए इच्छुक शिक्षकों ने मांग किया है कि अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि विद्यालय समय के बाद आवेदन पत्र पर अग्रसारित करवाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी चकरघिन्नी बनाकर बीआरसी व विभागीय कार्यालयों के चक्कर कटवा रहे हैं।

चहेतों को मनचाही तैनाती देने का खेल तो नहीं

एआरपी के लिए जरूरी नहीं है कि शिक्षक जिस ब्लाक क्षेत्र में तैनात हो उसको उसी ब्लाक की जिम्मेदारी दी जाए। ऐसे में तमाम ऐसे शिक्षक हैं जो गोरखपुर से सटे ब्लाकों जैसे परतावल व पनियरा में जाना चाहते हैं। इसके लिए वह कोई भी कीमत देने के लिए तैयार बैठे हैं। ऐसे में एआरपी मनचाहे ब्लाक में तैनाती का बेहतर विकल्प हो सकता है। ऐसे में शिक्षक विभागीय मिलीभगत से मनचाहे स्थान पर पहुंच सकते हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा जानबुझकर कार्यालय से गायब रहना, शिक्षकों के फार्म को समय से अग्रसारित न करना का अब तक इस ओर ही इशारा कर रहा है। हालांकि बातचीत में जिले के आला विभागीय अधिकारियों ने इस प्रकार की संभावना से इन्कार किया है।

क्या है तैनाती का नियम

एआरपी की तैनाती के लिए शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि साक्षात्कार आयोजन के तीन दिवस के अंदर चयनित शिक्षकों की सूची जारी कर दिया जाए। साथ ही प्राप्तांक की मेरिट के आधार पर अवरोही क्रम में उनसे विकल्प लेकर ब्लाकों में एक सप्ताह के अंदर तैनाती दे दी जाए। उसके बाद बचे हुए पदों पर विज्ञप्ति निकाली जाए। महराजगंज जनपद में अभी पहली ही प्रक्रिया में खेल शुरू हो चुका है और अधिकारी अपने चहेतों को मनचाहा ब्लाक में एआरपी बनवाने के लिए खेला खेलना शुरू कर दिये है।

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