हर्षोदय टाइम्स/अर्जुन चौधरी
सिसवा बाजार/महराजगंज – जिले भर के सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद भर्ती जच्चा को भोजन व नाश्ता दिए जाने हेतु स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध है लेकिन इसके ठीक विपरीत सिसवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती जच्चा को दोनों समय नाश्ते से महरूम रहना पड़ता है। एक समय भोजन भी मिलता है तो उसमें रोटी नहीं। इसका खुलासा मीडिया टीम की पड़ताल में वहां मौजूद लोगों की जुबानी से हुआ।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के उपरांत 48 घंटे तक भर्ती किए जाने व जच्चा को दोनों समय नाश्ते के साथ तय मीनू के अनुसार दोनों समय भोजन दिए जाने का फरमान है। पिछले हफ्ते यहां की लापरवाही को लेकर सिसवा विधायक प्रेमसागर पटेल ने अस्पताल में पहुंचकर स्वास्थ्यमंत्री से दूरभाष के जरिये वार्ता कर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने का आग्रह किया था। इसके ठीक दूसरे दिन सीएमओ श्रीकांत शुक्ला ने भी अस्पताल का निरीक्षण कर लापरवाह जिम्मेदारों के प्रतिकूल प्रविष्टि जारी किए जाने की चेतावनी दी थी लेकिन उसके बाद भी स्थिति नहीं सुधर रही है।
विगत बुधवार को सिसवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद वार्ड में भर्ती बेलभरिया निवासी गुड़िया, सबया निवासी मालती, डढौली निवासी जानकी व सिसवा कस्बा निवासी प्रीति ने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे भोजन में दाल, चावल और सब्जी पॉलीथिन में पैक करके मिला है लेकिन भोजन में रोटी नहीं था। नाश्ते के बावत उक्त सभी लोगों ने बताया कि सुबह या शाम को नाश्ता या दूध नहीं मिल रहा है। नाश्ते का प्रबंध बाहर से करना पड़ रहा है। जबकि शासनादेश के तहत सीएचसी के वार्ड में भर्ती जच्चा को सुबह और शाम नाश्ते में दूध, अंडा, फल और ब्रेड दिया जाना है। साथ ही भोजन में दोपहर व रात में दोनों समय रोटी, दाल, चावल व हरी सब्जी दिया जाना है।
इस मामले में सिसवा सीएचसी अधीक्षक डॉ. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का कहना है कि प्रसव के उपरांत सीएचसी में भर्ती जच्चा को दोनों समय तय मीनू के अनुसार भोजन के साथ ही नाश्ता भी दिया जाता है। कभी रोटी नहीं बन पाता है तो चावल दे दिया जाता है।

