बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाया गया
मुख्यमंत्री ने हादसे पर जताया दुख
मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी रवाना

सार
झांसी के मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने मीडिया को बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है।
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
झांसी / लखनऊ/ महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) ! महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने मीडिया को बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई। बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है, वे जल्द ठीक हो जाएंगे।
दस नवजात की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया। माता-पिता भी अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगाते रहे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे वार्ड से धुआं निकलता दिखा। जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को जद में ले लिया, जिससे भगदड़ मच गई। शिशुओं को बाहर निकालने की कोशिश हुई, पर धुआं एवं दरवाजे पर आग की लपट होने से समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर शिशुओं को बाहर निकाला जा सका। बताया जा रहा है कि पहले ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर में आग लगी और देखते ही देखते पूरा वार्ड आग की चपेट में आ गया।
जांच के लिए बनाई टीम
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री बृजेश पाठक व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी रवाना हो गए। झांसी के मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक को हादसे की जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने हादसे पर दुख जताते हुए जांच कर 12 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है।
सीएम योगी ने लिया घटना का संज्ञान
सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को झांसी के लिए रवाना कर दिया है। उनके साथ प्रमुख स्वास्थ्य सचिव भी झांसी आ रहे हैं। सीएम योगी ने घटना की जांच रिपोर्ट 12 घंटे में देने को कहा है। कमिश्नर और डीआईजी हादसे की जांच कर रहे हैं। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।
आग की चपेट में आने से 10 बच्चों की मौत हो गई है जबकि वार्ड में लगभग 54-55 बच्चे भर्ती थे। बाकी बचाए गए बच्चों का इलाज जारी है – बिमल कुमार दुबे, मंडलायुक्त
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई। आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजनयुक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई। कई बच्चों को बचा लिया गया। 10 बच्चों की मौत हो गई। घायल बच्चों का इलाज चल रहा है- सचिन माहौर,मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रात करीब पौने ग्यारह बजे एनआईसीयू वार्ड से धुआं निकलता दिखा। वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया। जब तक कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। वहां भगदड़ मच गई।
नवजात बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश हुई लेकिन, धुआं एवं दरवाजे पर आग की लपटें होने से बच्चे समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। कुछ देर बाद दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर नवजातों को बाहर निकाला जा सका। खबर लिखे जाने तक वार्ड से 10 नवजात शिशुओं के शव बाहर निकाले जा चुके थे। मौके पर रोते-बिलखते परिजनों का जमावड़ा हुआ है। बचाव कार्य चल रहा था।
मेडिकल की बिजली काटी गई
मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं। सेना का दमकल वाहन मौके पर पहुंच चुका है। मेडिकल कॉलेज की बिजली काट दी गई है। अब तक करीब 30 से अधिक बच्चों का रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
