पनियरा ब्लॉक परिसर की जमीन पर फिर चलेगा बुलडोजर, अदालत ने कब्जा दिलाने का दिया आदेश

उत्तर प्रदेश महाराजगंज


13 से 15 नवम्बर तक तय हुई कार्रवाई, बीडीओ बोले नोटिस में ध्वस्तीकरण का उल्लेख नहीं

हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो महराजगंज

महराजगंज जनपद का पनियरा विकास खंड एक बार फिर सुर्खियों में है। ब्लॉक परिसर की विवादित भूमि को लेकर अदालत के आदेश पर अब दोबारा बुलडोजर चलाने की तैयारी है। करीब 38 साल पुराने इस विवाद में न्यायालय ने वादी पक्ष को भूमि का कब्जा दिलाने का निर्देश दिया है।

सिविल जज (अवर) कोर्ट संख्या–02 महराजगंज ने नरेंद्र सिंह बनाम खंड विकास अधिकारी, पनियरा मामले में डिक्रीदार को कब्जा दिलाने का आदेश पारित किया है। इस आदेश के अनुपालन में अदालत अमीन अरविंद कुमार मिश्रा ने बीडीओ पनियरा को 12 नवम्बर तक कार्यालय से सभी अभिलेख व अन्य सामग्री हटाने के निर्देश दिए हैं। कब्जा दिलाने की कार्रवाई 13, 14 और 15 नवम्बर को कराई जाएगी।

अमीन की ओर से भेजे गए नोटिस के अनुसार, यह निष्पादन मौजा बसडिला, तप्पा-बांकी, परगना हवेली, तहसील सदर, जनपद महराजगंज की भूमि खंड संख्या 788 ख (0.2551 हे.) और 789 क (0.138 हे.) से संबंधित है।

गौरतलब है कि 7 नवम्बर को भी इसी प्रकरण में कब्जा दिलाने की कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन उस दौरान एसडीएम सदर और नायब तहसीलदार की मौजूदगी में बीच में ही रोक दी गई थी। ब्लॉक परिसर में बने भवनों पर बुलडोजर चलने के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए थे। एसडीएम और अदालत अमीन के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई थी, जिसके बाद एसडीएम ने कार्रवाई रोकते हुए जेसीबी मशीनें थाने भिजवा दी थीं।

यह विवाद वर्ष 1987 से चल रहा है। दीवानी न्यायालय गोरखपुर ने 30 जनवरी 1991 को वादी नरेंद्र सिंह के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए कब्जा दिलाने का आदेश दिया था। इसी निर्णय के अनुपालन में निष्पादन वाद दाखिल किया गया था।

ताजा नोटिस के बाद पनियरा ब्लॉक परिसर में हलचल बढ़ गई है। बीडीओ राहुल सागर ने बताया कि “नोटिस में कहीं भी ध्वस्तीकरण का उल्लेख नहीं है, फिर भी न्यायालय में इस कार्रवाई को रोकने की पैरवी की जा रही है।”

स्थानीय लोगों में अब चर्चा है कि क्या इस बार बुलडोजर सचमुच ब्लॉक परिसर की दीवारों तक पहुंचेगा या पिछली बार की तरह फिर टल जाएगी कार्रवाई।

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