लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक सप्ताह तक चलने वाले खादी महोत्सव का शुभारंभ किया।सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि खादी सिर्फ वस्त्र नहीं बल्कि भारत का स्वाभिमान है।महात्मा गांधी ने इसे आंदोलन बनाया,जिसने आजादी की लड़ाई को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।चरखे ने देशवासियों को रोजगार का साधन दिया और राष्ट्रीय आंदोलन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना।
सीएम योगी ने कहा कि पहले त्योहार हमारा होता था और सामान चीन से बिकने आता था,लेकिन आज यूपी का ब्रांड ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) दुनियाभर में धूम मचा रहा है। सीएम ने कहा कि चीन में बनने वाले उत्पादों में ऐसा जहर होता था कि बच्चे छूते तो बीमार हो जाते थे।बहुत सारे लोगों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता था,लेकिन अब लोग त्योहारों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
माटी कला बोर्ड के उत्पादों का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि मिट्टी से बने बर्तनों ने थर्माकोल और प्लास्टिक का पर्यावरण अनुकूल विकल्प दिया है।माटी कला उद्योग से जुड़े प्रजापति समुदाय को तालाबों से मुफ्त मिट्टी उपलब्ध कराई जाएगी,जिससे वे वर्षभर बर्तन बना सकें।कार्यक्रम में सीएम ने माटी कला के पांच लाभार्थियों को टूलकिट और प्रमाणपत्र भी दिए। इस दौरान सीएम ने एमएमएसई मंत्री राकेश सचान के साथ उत्पादों को देखा।समारोह में प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर सहित कई अधिकारी और कलाकार शामिल हुए।
सीएम योगी ने एक ओडीओपी के बारे में कहा कि यह योजना यूपी की विशिष्ट पहचान बन गई है। हर जिले का एक उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो रहा है।पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल के आह्वान को यूपी ने पूरे देश में सबसे प्रभावी ढंग से लागू किया है।सरकार ने खादी,माटी कला और अन्य उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए तंत्र विकसित किया है। सीएम ने सुझाव दिया कि जिन लाभार्थियों को सोलर या इलेक्ट्रिक चाक, चरखा दिए गए हैं, वे अपनी आय का एक हिस्सा बचत के रूप में सुरक्षित रखें।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले सात वर्ष में 3.5 लाख से अधिक लोगों को अकेले इस विभाग ने खादी के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने में अपना योगदान दिया है। सीएम ने खादी के अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया। सीएम ने कहा कि महाकुंभ में 240 से अधिक स्टॉल खादी और ग्रामोद्योग के हैं।
