भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी नगर पंचायत सोनौली क्षेत्र में 10 माह पूर्व बनाई गई आरसीसी सड़क

उत्तर प्रदेश महाराजगंज

37 लाख रूपए की लागत से बनी थी सड़क

मुख्यमंत्री एवं उच्चाधिकारियों से शिकायत

हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो

महराजगंज! सोनौली निवासी सज्जाद अली पुत्र अली अहमद निवासी वार्ड न 11 बाल्मीकि नगर सोनौली ने सोनौली नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 6 में बने आरसीसी सड़क में हुए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर जिलाधिकारी महोदय को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि नगर पंचायत सोनौली के वार्ड नंबर 6 गाधी नगर में अधिशासी अधिकारी, अवर अभियंता व बड़े बाबू की मिली भगत से आरसीसी सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार कर बड़े पैमाने पर खेल खेला गया है। यह सड़क पहली बरसात में ही उखड़ गयी है।

बता दें कि इस सड़क का न तो अभी तक लोकार्पण हुआ है और न ही इस पर आम जनता का आवागमन शुरू हुआ है बावजूद इसके इस आरसीसी सड़क की गुणवात्ता इतनी खराब साबित हुई की इसकी गिट्टियां पहले ही बरसात में उखड़ गई, जिसके चलते मानक और गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। उक्त आरसीसी सड़क जो की नौतनवां -सोनौली मार्ग से एक निजी हॉस्पिटल तक जाती है, जो लगभग 330 मीटर लम्बी सड़क है। सड़क और नाली का निर्माण विगत 10 माह पहले करीब सैंतीस लाख रुपये खर्च कर बनाया गया था। उसके बाद से ही कमियां आनी शुरू हो गई हैं।

उक्त मार्ग के निर्माण के दौरान भी गुणवत्ता को लेकर सोनौली के वरिष्ठ समाजसेवी सज्जाद अली ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सहित कई उच्चधिकारियों से लिखित रूप से किया था। लेकिन उस समय कोई कार्यवाही नहीं हुई। उस समय ईओ सोनौली द्वारा कहा गया की निर्माण में कोई कमी नहीं है, सभी निर्माण कार्य मानक और गुणवत्ता पूर्ण ढंग से किया जा रहा है।

अब सवाल यह है की क्या वाकई में किसी एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए इस हद तक अधिकारी जा सकते हैं। ईओ सोनौली के खिलाफ स्थानीय लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 10 माह पहले हुए आरसीसी रोड़ के निर्माण में बेहद घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है जिससे यह साबित हो रहा है की निर्माण में कितना भ्रष्टाचार किया गया है। इस आरसीसी सड़क में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करके भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला गया है, इस निर्माण में सरकारी धन का दुरपयोग करके धन उगाही करके सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है, उक्त ठेकेदार पर कोई विभागीय कार्यवाही न करते हुए लोगों ने बताया की 15 माह के दूसरे कार्यकाल में लगभग 80 प्रतिशत कार्य मैनेज करके उसी ठेकेदार को दिया गया है। उन्होंने जांच कर कार्यवाही की मांग किया है।

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