उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज! भारत-नेपाल सीमा पर भुजिया चावल की बड़े पैमाने पर तस्करी शुरू हो गई है। पिकअप की जगह अब साइकिल से तस्करी की जा रही है। रोजाना 1000 से अधिक बोरियां साइकिल से नेपाल पहुंचाई जा रही हैं। वहीं नेपाल के रास्ते बड़े पैमाने पर चाइनीज लहसुन भारत लाया जा रहा है।
सरकार ने चावल के निर्यात और चाइनीज लहसुन के आयात पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। ऐसे में भारत-नेपाल की खुली सरहद पर चावल और लहसुन की तस्करी बढ़ गई है। सरहदी क्षेत्रों में इन दिनों बड़े पैमाने पर चावल और चाइनीज लहसुन की तस्करी होने लगी है। इसका खुलासा खुद सुरक्षा एजेंसियों की टीम सरहद पर तस्करी की बड़ी खेप को बरामद करके कर रही है।
इसके पहले भी भारत में मटर महंगी हुई थी तो कैनेडियन मटर की तस्करी नेपाल के रास्ते खूब होने लगी थी। वहीं अब नेपाल में चावल और भारत में लहसुन की कीमतें महंगी होने के बाद सरहदी क्षेत्रों में तस्करी बढ़ गई है। तस्कर बच्चों और महिलाओं को लालच देकर झोले और बोरी में साइकिल और पैदल रास्तों से चावल और लहसुन की तस्करी करवा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केवल लक्ष्मीपुर खुर्द सरहद से ही रोजाना करीब 30 से अधिक पिकअप लदी चावल की बोरियां कैरियर साइकिल की मदद से नेपाल पहुंचा रहे हैं। वहीं नेपाल से करीब 40 पिकअप चाइनीज लहसुन की खेप को भारत ला रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सरहद पर चावल और चाइनीज लहसुन की खेप भी पकड़ी जा रही है। बीते वर्ष लक्ष्मीपुर खुर्द सरहद तस्करी को लेकर काफी सुर्खियों में आया था। उसके बाद पुलिस के उच्चाधिकारियों की ओर से पुलिस चौकी लक्ष्मीपुर पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। उसके बाद भी इस क्षेत्र में तस्करी बदस्तूर जारी है। चौकी पर तैनात जिम्मेदार तस्करी और अपराध रोकने के लिए कोई जरूरत नहीं समझ रहे हैं।
चावल और लहसुन की तस्करी कर कमा रहे दोगुनी रकम
सूत्रों के मुताबिक, भुजिया चावल की कीमत भारत में 48 से 51 रुपये प्रति किलो है। वही चावल नेपाल पहुंचकर 100 रुपये की कीमत का हो जाता है। यानी एक क्विंटल चावल पर तस्कर दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं चाइनीज लहसुन नेपाल में 70 से 80 रुपये में आसानी से मिल जाता है, जबकि भारतीय लहसुन की कीमत लगभग 200 रुपये है। ऐसे में तस्कर चाइनीज लहसुन की खेप सरहद पार कर भारतीय बाजारों में बेचकर मोटी रकम कमा रहे हैं।
तस्करी का ये तरीका है कामयाब
सीमावर्ती क्षेत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चावल की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के चौकन्ना होने के बाद तस्कर भी दूसरे तरीके अपनाने लगे हैं। सरहदी क्षेत्रों बच्चों और महिलाओं को लालच देकर चावल और लहसुन की तस्करी कराई जा रही है। पहले सरहद के नजदीक भारत और नेपाल सीमा से लगे हुए गांव में चावल और लहसुन को गोदामों में रख दिया जाता है। फिर इसे थोड़ा-थोड़ा करके बच्चे और महिलाएं सरहद पार कर देते हैं। सूत्रों की माने तो इन तरीकों से हर रोज 30 पिकअप चावल को नेपाल और 40 पिकअप चाइनीज लहसुन की तस्करी हो रही है।
बगैर लहसुन उत्पादन के कट रहा मंडी गेट पास
नवीन मंडी निचलौल कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले अगस्त में ओड़वलिया, छितौना, परागपुर, निचलौल और सिसवा में कुल 62 भुजिया चावल लदा वाहन लगभग 15 हजार क्विंटल कागजात के साथ आया था। जबकि 22 वाहन अवैध कागजात के साथ पकड़ने पर कार्रवाई की जा चुकी है। इतना ही नहीं क्षेत्र में बगैर लहसुन उत्पादन के तीन से चार व्यापारियों की ओर से ऑनलाइन मंडी गेट पास कर बड़े बाजारों में लहसुन की खेप भेजी जा रही है। मंडी सचिव आशीष नायक ने कहा की सूचना के आधार पर वाहनों को पकड़कर कार्रवाई की जाती है।