काठमांडू में रहने वाले हिमाचल प्रदेश के लबसंग ने सीमा पार कर गोरखपुर पहुंचाने के लिए 33 हजार रुपए लिए थे
सार
भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर एक अगस्त को दो चीनी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार वह किसी खास इरादे से गोरखपुर आ रहे थे। एसपी इंटेलीजेंस मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि काठमांडू में रहने वाले फौजी का बेटा उसे गोरखपुर छोड़ने आ रहा था जिसके लिए उन्हें 33 हजार रुपये मिले थे।
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज! भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर एक अगस्त को पकड़े गए दो चीनी नागरिक खास इरादे से गोरखपुर आ रहे थे। यह बात महराजगंज पुलिस व स्थानीय खुफिया एजेंसी की पूछताछ में सामने आयी है। एसपी इंटेलीजेंस मुख्यालय (लखनऊ) को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि काठमांडू में रहने वाला फौजी का बेटा लबसंग शेरिंग 33 हजार रुपये लेकर दोनों चीनी नागरिकों को गोरखपुर छोड़ने आ रहा था।
खुफिया एजेंसी व महराजगंज पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि तिब्बत में पैदा हुए लबसंग शेरिंग के पिता 1959 में तिब्बत से आकर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बस गए।
एसएफएफ में काम कर चुका है लबसंग
लबसंग ने बताया कि उत्तराखंड के चकराता में उसने छह माह तक एसएफएफ (स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) का प्रशिक्षण लिया है। शेड्यूल टाइट होने की वजह से उसने एसएफएफ छोड़ दिया। 2002 में काठमांडू की सोनम लिमछिम से शादी की, जिससे अब तलाक हो चुका है। वह 20 वर्षीय बेटे के साथ काठमांडू में रहता है।
मणिपुर और शिलांग में भी वह ड्राइवरी और टैटू बनाने का काम कर चुका है। पकड़े गए चीनी नागरिक जू वाकयांग व यंग मेंगमेंग उसे काठमांडू में मिले थे। इनका फर्जी आधार कार्ड बनवाने के बाद 33 हजार रुपये देकर गोरखपुर पहुंचाने को कहा गया था। वहां से इन्हें आगे कहां और कौन ले जाता, इसकी जानकारी नहीं है।
चीनी नागरिकों से भी गूगल ट्रांसलेट के जरिये पुलिस व स्थानीय खुफिया एजेंसी ने पूछताछ की, लेकिन सवालों का सही जवाब नहीं मिला। उनका कहना था कि वह दवा कंपनी में काम करते हैं, जड़ी बूटी की तलाश में आए हैं। पुलिस को उनकी कहानी पर यकीन नहीं है। एसपी इंटेलीजेंस मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में इनकी गतिविधि संदिग्ध बताते हुए उच्चस्तरीय छानबीन कराने का आग्रह किया गया है।
नेटवर्क की हो रही छानबीन
काठमांडू में लबसंग शेरिंग को 33 हजार रुपये किसने दिए। गोरखपुर पहुंचने के बाद चीनी नागरिक किसके साथ और कहां जाते, इन सवालों का जवाब खुफिया एजेंसी ढूंढ़ रही है। चर्चा है कि वह हिमाचल प्रदेश जाने वाले थे, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है। चीनी भाषा के विशेषज्ञ संग दोनों से गहन पूछताछ होने पर ही यह जानकारी सामने आने की बात कही जा रही है।
चार वर्ष में 20 विदेशी हुए गिरफ्तार
भारत-नेपाल की सोनौली सीमा से पिछले चार वर्षों में अमेरिका, रोमानिया, उज्बेकिस्तान, ब्राजील और रूस के 20 से अधिक नागरिक गिरफ्तार हुए हैं। वहीं जर्मनी व चीन के दो नागरिकों को भारत में घुसने के दौरान पकड़कर नेपाल पुलिस को सुपुर्द किया जा चुका है। जांच में सामने आया कि अधिकांश लोगों का वीजा व समय सीमा समाप्त हो गई थी। यह लोग अवैध तरीके से भारत से निकलने या फिर प्रवेश करते समय पकड़े गए।
अलग-अलग तिथियों में हुई है गिरफ्तारी
09 मई 2024 – सिद्धार्थनगर जिले में नेपाल सीमा पर चीनी जासूस यूफेनाघो को पुलिस ने पकड़ा
30 दिसंबर 2023 – सोनौली सीमा पर एक साथ छह इरानी नागरिक गिरफ्तार हुए
23 अगस्त 2023 – उज्बेकिस्तान की महिला राखी मोबा दिलशाद को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा
16 अगस्त 2023 – अमेरिका की रहने वाली कोलिन पैट्रिक को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा
15 जून 2022 – संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक स्काट बायड क्नोक्स फर्जी वीजा पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया
19 फरवरी 2022 – रूसी नागरिक स्टेनिस ला कराटे एवं इस्निटस स्वीटलाना पकड़े गए
01 जनवरी 2022 – नशे में भटक कर पहुंचे जर्मनी नागरिक कुरतग्रेगोर को पुलिस ने पकड़कर नेपाल भेजा
11 दिसंबर 2021 – चीन का नागरिक जेंग चांगवेनसु को पकड़ा गया, जिसे चेतावनी देकर नेपाल पुलिस को सौंप दिया गया
23 नवंबर 2021 – चीन के नागरिक फेंग चांगवेन को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा
12 अप्रैल 2021 – भारत से नेपाल जाते हुए ब्राजील के पाल लोमांगा नोम्बे पकड़ा गया
19 जुलाई 2020 – रोमानियां के रहने वाले आनेट ड्राधोस को अवैध तरीके से सीमा पार करते पकड़ा