कहा यहां आकर अच्छा लगा, बाट दिए 1101 करोड़ रुपए
महिलाओं ने जताया आभार
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को महराजगंज में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम में हिस्सा लिया और एक हजार करोड़ एक सौ एक करोड़ रुपए के ऋण की बड़ी सौगात लाभार्थियों को दी । इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि 2027 तक भारत दुनिया के तीन अग्रणी देशों में शामिल हो। इससे पहले केंद्रीय वित्तमंत्री ने भाजपा पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं के साथ निजी होटल में बैठक किया और भाजपा के पक्ष में आगामी लोक सभा में मतदान की अपील की। उन्होंने कहा कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा और जल्द ही दोबारा यहां आना चाहेंगी।
वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने महराजगंज को बड़ी सौगात देते हुए एक हजार करोड़ का ऋण वितरित किया। 1 अक्तूबर से 21 फरवरी तक कुल 40 हजार लाभार्थियों को वित्तमंत्री ने ऋण स्वीकृत किया। 169 करोड़ रुपए स्वयं सहायता समूह की महिला लाभार्थियों को दिया गया जो प्रदेश में पहला स्थान है। इसके अलावा 360 करोड़ रुपए का निजी लोन बांटा गया। इनमें कार लोन, होम लोन, व्यक्तिगत लोन शामिल है। इसके अलावा किसानों को बड़ी सौगात देते हुए 272 करोड़ रुपए फसली ऋण और पशुपालकों के लिए ऋण प्रदान किया गया है।
वित्तमंत्री ने मोबाइल मेडिकल वैन भी भेंट किया। इन योजनाओं में उत्पादक संगठनों को लोन, महिला समूहों को ऋण वितरण, स्टैंड अप इंडिया के अलावा पीएम स्वानिधि, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन,मुद्रा,ओडीओपी,कृषि अवसंरचना कोष, केसीसी, एमएसएमई, स्वयं सहायता समूह सहित विभिन्न बैंकों द्वारा वित्त पोषित योजनाओं के तहत लगभग एक हजार एक सौ करोड़ का ऋण वितरित किया गया। वित्तमंत्री द्वारा एसबीआई के सौजन्य से स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल मेडिकल वैन भी भेंट किया जाएगा। इस दौरान कार्यक्रम स्थल मंडी परिषद में वित्त वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी, विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह, जयमंगाल कन्नौजिया, ऋषि त्रिपाठी, प्रेम सागर पटेल के अलावा हजारों की भीड़ और बैंकों के अधिकारी प्रतिनिधि मौजूद रहे।
महिलाओं ने माना मोदी सरकार का आभार
हजारों की संख्या में पहुंची महिलाओं ने मोदी सरकार और केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार माना। लाभार्थियों का कहना था कि इस ऋण राशि से उनका कारोबार तेज गति से आगे बढ़ सकेगा। अभी संसाधनों की कमी के कारण वे पूरी क्षमता के साथ कारोबार नहीं कर पा रही थीं। महिलाओं ने बताया कि बीते अक्टूबर से बैंकों के माध्यम से ऋण स्वीकृत किए गए और इससे पहले कारोबार करने की ट्रेनिंग दी गई थी।