हर्षोदय टाइम्स/सुनील विश्वकर्मा
सिसवा बाजार/महराजगंज- स्थानीय नगर सिसवा में सोमवार को हल्की बारिश से ही स्टेट चौराहे से मार्केट की तरफ जाने वाली सड़क तालाब के रूप में तब्दील हो गयी जिससे आसपास के दुकानदारों और राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
बताते चले कि डेढ़ सौ साल पुराने टाउन एरिया को नगरपालिका परिषद का दर्जा मिल गया है। अंग्रेजों द्वारा 1871 में इस टाउन एरिया का गठन किया गया था।
जिसके पहले प्रशासक अंग्रेज अधिकारी एम जॉन बनाये गए। उसके बाद जमीदार परिवार के लोगों ने आज़ादी के पहले तक प्रशासक के रूप में अपनी सेवाएं दी।
आज़ादी के बाद टाउन एरिया एक्ट के तहत चुनाव कराया गया। जिसमें 1953 में पहली बार सिसवा इस्टेट के नवल किशोर सिंह अध्यक्ष बने। अब तक तेरह अध्यक्षों ने अपनी सेवाएं दी।
1872 से 1953 तक जमींदार परिवार के कंचन सिंह, राम प्रसाद सिंह, ठाकुर नवल किशोर सिंह प्रशासक रहे। 1957 से 1961 तक हरिराम कमानी ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। 1962 से 1972 तक शिव कुमार सिंह, दिवाकर पांडेय, रामचंद्र पूरी, गोकरन प्रसाद ने सेवाएं दी। 1972 में शारदा प्रसाद जायसवाल चुन कर आए। 1977 तक अध्यक्ष पद पर बने रहे। उसके बाद 11 साल तक प्रशासक के हाथों में नगर पंचायत की बागडोर रही। 1988 के चुनाव में पुनः शारदा प्रसाद जायसवाल निर्वाचित होकर अध्यक्ष बन गए और 1993 तक रहे।
कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुनाव में देरी हुई और दो साल तक पुनः प्रशासक कार्यकाल रहा। 1995 के चुनाव में उमेश पूरी ने विजय हासिल की। 2000 के चुनाव में शारदा प्रसाद तीसरी बार पुनः अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हो गए। 2002 में शारदा प्रसाद की लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। उसके बाद रिक्त हुए अध्यक्ष पद के लिये मध्यावधि चुनाव कराया गया जिसमें सिसवा के आयकर अधिवक्ता जगदीश प्रसाद जायसवाल निर्वाचित हुए और 2005 तक रहे। उसके बाद प्रभावती देवी निर्वाचित होकर 2011 तक अध्यक्ष रही।
2012 में अशोक जायसवाल जीते और 2017 तक नगर पंचायत अध्यक्ष बने रहे। 2018 के चुनाव में रागिनी जायसवाल नगर पंचायत का बागडोर संभाली। नगर पालिका परिषद का दर्ज़ा मिलने के बाद मार्च 2022 के उपचुनाव में शकुंतला जायसवाल पत्नी गिरजेश जायसवाल ने नगरपालिका परिषद सिसवा अध्यक्ष बनी और सिसवा को विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं।
उस समय सिसवा विधायक प्रेमसागर पटेल ने बताया था कि जनता के किए वादे को पूरा किया। अब सिसवा कस्बे के विकास को गति मिलेगी। साथ ही नगरपालिका में शामिल गांव को नगरीय सुविधा जल्दी मिलेगी।लेकिन आज भी सिसवा नगर के लोग उपेक्षित महसूस कर रहे है। आज भी हल्की सी बारिश से सड़क पर विकास की गंगा बहती नजर आ रही है।