बुल्डोजर और गाड़ी पलटने की शुरुआत तो अखिलेश यादव ने की थी, योगी जी ने तो बाद में किया
पंकज चौधरी जनता को पूरी तरह निराश किया, इसलिए जनता आक्रोशित
मनोज कुमार त्रिपाठी
नौतनवां/ महराजगंज(हर्षोदय टाइम्स):पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह ने गठबंधन प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने सोमवार को अपने आवास पर हर्षोदय टाइम्स के मंडल प्रभारी मनोज कुमार त्रिपाठी से एक्सक्लूसिव बातचीत की।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति का अमर मणि त्रिपाठी जैसा दुर्दांत अपराधी समर्थन कर रहा हो उसका समर्थन मैं कदापि नहीं कर सकता।
बता दें कि महराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी के पक्ष में जहां एक तरफ नौतनवां विधान सभा क्षेत्र के कांग्रेस के पूर्व विधायक कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नौतनवां विधान सभा क्षेत्र के पूर्व निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी भी कुछ ब्राह्मण परिवार के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। इसको लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। उधर समाजवादी पार्टी के महराजगंज के पूर्व सांसद व राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे कुंवर अखिलेश सिंह ने गठबंधन प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी को सिरे से नकार दिया है। अखिलेश सिंह ने हर्षोदय टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि गठबंधन प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी कहीं भी लड़ाई में नहीं है और वह लडाई से पूरी तरह बाहर हैं। उन्होंने नौतनवां के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी को दुर्दांत अपराधी तक करार देते हुए कहा है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ वह मरते दम तक लड़ते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मेरे परिवार में ही मेरे खिलाफ षड़यंत्र रचा गया। मुन्ना सिंह वीरेंद्र चौधरी के पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाने का काम करें वह उन्हें शोभा देगा मेरे जैसा स्वाभिमानी व्यक्ति ऐसा कभी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मुन्ना सिंह से हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन मेरा कोई पारिवारिक मतभेद नहीं है। एक राजनीतिक सवाल के जबाब में अखिलेश ने कहा कि बुल्डोजर और गाड़ी पलटने की प्रथा योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल से पहले नहीं शुरू हुई सबसे पहले इसकी शुरुआत अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू की थी जब सीतापुर के अपने ही विधायक के होटल पर बुल्डोजर चलवाया था। इतना ही नहीं उन्हीं के कार्यकाल में 2017 में संयोग बस चुना गया निर्दलीय विधायक गाड़ी पलटकर अपनी पत्नी को मार डाला। यह परंपरा तो अखिलेश यादव के कार्यकाल में ही शुरू हो गया था। विकास दूबे का तो गाड़ी पलटने का बाद में हुआ।
उन्होंने कहा कि मैं मुन्ना सिंह के हर राजनीतिक कार्यों में उनका साथ दूंगा लेकिन उनके द्वारा किए गए किसी भी अपराध से मेरा कोई सरोकार नहीं होगा।

