उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नौतनवां/महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : सोमवार की देर शाम को मौसम में अचानक परिवर्तन हो गया। उसके बाद तेज हवाओं के साथ आसमान में गड़गड़ाहट होने लगी। वहीं कुछ देर बाद भारत-नेपाल सरहद से सटे ठूठीबारी के सीमावर्ती इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरने लगे। ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो इसमें गेंहू के अलावा दलहन की फसलों को भी नुकसान होगा।
बता दें कि सोमवार शाम को मौसम करवट लेने के बाद देर रात तक बादल छाया रहा। इस दौरान सीमावर्ती इलाकों के गांव झुलनीपुर, बैठवलिया, मिश्रवलिया, कममिसवा, शीतलापुर सहित अन्य गांवों में ठंडी हवाओं के बीच झमाझम बारिश होती रही। इसके साथ ओले भी गिरे। जिससे किसानों के माथे पर फसल बर्बाद होने चिंता साफ झलक रही थी।
कृषि विज्ञान केंद्र बसूली के कृषि वैज्ञानिक डॉ विजय चंद्रन ने कहा कि बारिश के साथ पड़े ओलावृष्टि से सबसे अधिक गेंहू की फसल प्रभावित होगी क्योंकि ओले से गेंहू में लगी फली टूट जाएगी। जिससे पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा।
